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Fact check( Photo Credit : वायरल फोटो)
कहते है किसी भी चीज की अति हानिकारक होती है ठीक ऐसा है सस्ती इटंरनेट के साथ हो रहा है. आज हर घर और हर वर्ग के लोगों तक इटंनेट ने अपनी पहुंच बना ली है. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस के आने के वजह से अब हर खबर और तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है. ऐसे में दिनों-दिन फेक न्यूज यानि कि गलत खबर की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन हम फैक्ट चेक के जरीए वायरल हो रही हर खबर की सच्चाई आपके सामने रखेंगे.
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बता दें कि अभी कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दो तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है. एक फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तो दूसरी एक गरीब महिला की उसके बच्चे के साथ है. इसमें एक तरफ पीएम मोदी कई तरह के खाने का लुत्फ उठाते दिख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भूख से तिलबिलाती महिला अपने बच्चे के साथ. इन दोनों तस्वीरों को जोड़कर सोशल मीडिया पर 'अक्लमंदों को बहुत कुछ कहती है ये तस्वीर' इस कैप्शन के साथ वायरल की जा रही है.
फेसबुक पर भूपेंद्र सिंह राजू नाम के एक यूजर ने इस फोटो को शेयर किया था, जिस 25 हजार लोग शेयर कर चुके थे. बता दें कि मोदी के इस तस्वीर को कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी एक साल पहले शेयर किया था.
न खाऊँगा ना खाने दूँगा ! pic.twitter.com/6n1voKhobr
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) September 6, 2018
मोदी के इस ओरिजिनल फोटो को आपTimescontent.com पर देख सकते है. इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, यह फोटो 2008 की है, तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने पत्रकारों के लिए दिवाली के मौके पर लंच पार्टी आयोजित की थी.
वहीं दूसरी फोटो महिला की लगाई गई है, वो अफ्रीका की है. गेटी के मुताबिक, इस फोटो में मां अपने भूखे बच्चे को पकड़े हुए नजर आ रही है. इस फोटो को वर्ष 1992 में क्लिक किया गया था.
इस तरह हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीर फेक है और दोनों को फोटोशॉप्ड करके वायरल किया जा रहा है.