देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. बीते 24 घंटों में कोविड-19 के करीब 90 हजार नए मामले सामने आए हैं, जबकि 714 लोगों की मौत हुई है. देशभर में अब कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 1,23,92,260 हो गई है. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वजह से हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं. बीते 24 घंटों में महाराष्ट्र में 47,827 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 202 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भी कोरोना वायरस के तांडव से जूझ रही है.
देश में कोरोना के नए मामलों के आंकड़ों से लोगों के अंदर भी खौफ दिखने लगा है. सरकारें भी बिगड़ती स्थिति के चलते चिंतित हैं. क्योंकि कोरोना के बढ़ते मामलों में देश की रफ्तार कई गुना तेज हो गई है. हर रोज संक्रमण के नए मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों को देखते हुए सरकार पहले ही वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के निर्देश दे चुकी है. 1 अप्रैल से शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान के तीसरे चरण के साथ ही अब बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. बता दें कि देशभर के सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही है जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 250 रुपये प्रति डोज लिए जा रहे हैं.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक हिंदी अखबार की कटिंग काफी तेजी से वायरल हो रही है. अखबार के मुताबिक पेंशनरों को निजी अस्पतालों में भी मुफ्त टीका लगाया जा रहा है. अखबार ने अपनी खबर में लिखा है कि प्राइवेट अस्पतालों में पेंशनर को लगाए जाने वाले टीके का भुगतान CGHS (Central Government Health Scheme) द्वारा किया जाएगा. PIB Fact Check ने जब इस खबर की पड़ताल की तो यह फर्जी पाई गई.
PIB Fact Check ने ट्विटर पर लिखा, ''एक खबर का दावा है कि पेंशनरों द्वारा पैनल के निजी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण कराने पर बिल की प्रतिपूर्ति सीजीएचएस द्वारा की जाएगी. यह दावा फर्जी है. लाभार्थियों के निजी अस्पतालों में कोविड टीकाकरण कराने पर CGHS द्वारा बिल की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी.''
HIGHLIGHTS
- सोशल मीडिया पर वायरल हुई अखबार की कटिंग
- पेंशनर को प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्ट टीके का दावा निकला झूठा