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Mid Day Meal Fact Check( Photo Credit : ani )
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है, इसमें एक स्कूली बच्चा स्वादिष्ट भोजन को लेकर खड़ा हुआ है, भाजपा नेताओं और समर्थकों ने तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. साथ ही दावा किया कि यूपी के स्कूलों में ऐसा ही भोजन रोज परोसा जाता है. इस तस्वीर के जरिए दिल्ली सरकार पर तंज कसा जा रहा है. फोटो में एक बच्चा मिड डे मील में भोजन लेकर खड़ा है, जिसमें पूड़ी, मटर, पनीर, सेब, जूस, सलाद को प्लेट में सजा हुआ है. इस फोटो को शेयर करते हुए भाजपा नेता अरुण यादव ने लिखा कि यूपी के सरकारी स्कूल का मिड डे मील अगर दिल्ली के किसी विद्यालय में ऐसा होता है तो अंतरराष्ट्रीय अखबारों में सुर्खियां बन जाता. विश्व हिंदू परिषद विहिप की सदस्य साध्वी प्राची, फतेहपुर सीकरी से लोकसभा सांसद राजकुमार चाहर समेत कई नेताओं ने इस तस्वीर को शेयर किया है.
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल का मिड डे मील ❤
अगर दिल्ली के किसी विद्यालय में ऐसा होता तो अंतराष्ट्रीय अखबारों में सुर्खियां बनाई जाती.. pic.twitter.com/dXdFxUy0qL— Arun Yadav 🇮🇳 (@beingarun28) September 1, 2022
मगर इस तस्वीर को लेकर गहराई से सच की पड़ताल की गई तो पता चला कि यह खाना कभी-कभी मिलता है. यह मिड डे मील का हिस्सा नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के जालौन जिलेे के मलकपुरा गांव की बताई जा रही है, इसमें दिखाया गया कि नियमित मध्याह्न भोजन लिए एक बच्चा खड़ा है, गांव के प्रधान का कहना है कि यह खाना मिड डे मील का है, मगर ये रोजाना नहीं दिया जाता, उनका कहना है कि मिड डे का खाना सरकार द्वारा तय किया जाता है, मगर कभी-कभी विशेष अवसरों पर स्पेशल खाना दिया जाता है, दरअसल दिसंबर-.जनवरी में छात्रों ने बेहतर खाना खाने की इच्छा व्यक्त की थी, उनसे पूछा गया तो उन्होंने पनीर खाने की इच्छा व्यक्त की थी,
Source : News Nation Bureau