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फैक्यचेक( Photo Credit : News Nation)
आर्टिकल 370 से जोड़कर कश्मीर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है. वीडियो में कुछ मवेशियों के साथ आठ लोग नज़र आ रहे हैं.ये सभी लोग एक खाली पड़े प्लॉट में खड़े हैं और शख़्स के साथ बहस कर रहे हैं.दावा किया जा रहा है कि वीडियो श्रीनगर का है और ये लोग गोहत्या के इरादे से इस प्लॉट में इकट्ठा हुए थे.लेकिन एक कश्मीरी पंडित ने इन्हें रोक दिया.वीडियो बना रहा शख़्स इन लोगों से गाट काटने का लाइसेंस मांगता है.फिर इनको यहां से चले जाने को कहता है.देवेंद्र ताम्रकार नाम के यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा-"अब कश्मीर में दिख रही है 370 और 35A की ताकत, भारत एक ऐसा देश है जहाँ दूध फटने पर लोग छाती फाड़कर चिल्लाने रोने लगते हैं लेकिन गाय के कटने पर एक बुंद आँसू नहीं बहता.लेकिन इस कश्मीरी पंडित ने अपने दम पर गोमाता को कटने नहीं दिया."
अब कश्मीर में दिख रही है 370 और 35A की ताकत💪
भारत एक ऐसा देश है जहाँ दूध फटने पर लोग छाती फाड़कर चिल्लाने रोने लगते हैंं लेकिन गाय के कटने पर एक बुंद आँसू नहीं बहता।
लेकिन इस कश्मीरी पंडित ने अपने दम पर गौ माता को कटने नहीं दिया।⤵
महान कार्य👏👏
pic.twitter.com/6Qux0zlcG6— देवेन्द्र ताम्रकार (@dtamrakar1) September 17, 2021
वीडियो देखकर एक बात तो साफ है कि शख्स ने गोहत्या का विरोध किया.पड़ताल हमने वायरल वीडियो से ही शुरू की..तो हमें वायरल वीडियो में एक दीवार पर उर्दू 'मरकज़ी दार अल उलूम दाउद' लिखा दिखाई दिया...
BJP led UT Administration under pressure from Jihadists/Separatists withdrew an order banning Animal Slaughter on Eid.
Post Abrogation of 370, there in No Anti Cow Slaughter Law in J&K.
Result: Nearly 22 Cows were to be slaughtered at one place in Srinagar.
See the video below pic.twitter.com/3nRycSEvaZ
— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) August 5, 2021
इस क्लू के बारे में हमने हमारे श्रीनगर संवाददाता मीर फरीद से जानकारी जुटाई तो पता चला कि वीडियो श्रीनगर का ही है और ये वीडियो आरिफ जान नाम के शख्स के शख्स बनाया था.हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद आरिफ ने इसपर सफाई भी दी थी...पड़ताल की अगली कड़ी में हम आरिफ जान के फेसबुक अकाउंट पर पहुंचे..तो हमें एक पोस्ट मिला....जिसमें आरिफ ने लिखा था..."सोशल मीडिया साइट इस वीडियो को वायरल कर रहे हैं और इसे धार्मिक और राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, ये मामला पूरी तरह से अलग था, मैं ईद पर जानवरों की कुर्बानी के ख़िलाफ़ नहीं हूं, कुर्बानी की जगह का विरोध कर रहा था क्योंकि दारुलालूम मेरे किचन की दीवार के पास था.जिसकी बदबू को नज़रअंदाज़ करना वास्तव में कठिन था.अब इस मामले को मस्जिद कमेटी द्वारा सुलझा लिया है और कोई समस्या नहीं है."
फेसबुक पोस्ट से जो जानकारी मिली...उसकी पुष्टि के लिए हमने आरिफ जान से संपर्क साधा...तो व्हाट्सऐप चैट पर उन्होंने बताया कि वीडियो इस साल जुलाई महीने में रिकॉर्ड किया था.कुछ लोग इसी साल ईद-उल-अज़हा पर जानवरों की कुर्बानी देने आए थे, तो उन्होंने आपत्ति जताई और एक वीडियो बनाया.मस्जिद कमेटी ने उसी दिन इस मुद्दे को सुलझा लिया था और कुर्बानी की जगह को 200 मीटर की दूरी पर पहुंचा दिया गया.
इस तरह हमारी पड़ताल में साफ हो गया, गोहत्या का विरोध करते कश्मीरी का जो दावा किया जा रहा है वो आधा सही और आधा गलत है. आधा सही इसलिए क्योंकि इस शख्स ने घर के पास स्लॉटर हाउस होने पर आपत्ति जताई थी .मगर आधा गलत इसलिए है क्योंकि ये शख़्स कश्मीरी पंडित नहीं है.
Source : Vinod kumar