logo-image

केंद्र सरकार राज्यों पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का दबाव बना रही है! जानें सच

कोरोना महामारी से पूरा देश संकट में है. रोज तीन लाख से ऊपर कोरोना केस सामने आ रहे हैं. वहीं, इस संक्रमण के संकट काल में सरकार पर सवाल उठ रहे है. विपक्ष सरकार पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का आरोप लगा रहा है.

Updated on: 29 Apr 2021, 03:47 PM

highlights

  • कोरोना महामारी से पूरा देश संकट में है
  • रोज तीन लाख से ऊपर कोरोना केस सामने आ रहे हैं
  • इस संक्रमण के संकट काल में सरकार पर सवाल उठ रहे है

 

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी से पूरा देश संकट में है. रोज तीन लाख से ऊपर कोरोना केस सामने आ रहे हैं. वहीं, इस संक्रमण के संकट काल में सरकार पर सवाल उठ रहे है. विपक्ष सरकार पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का आरोप लगा रहा है. साथ ही एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस से जुड़े डेटा को छिपाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जा रहा है. खैर, वायरल हो रहे मैसेज की सच्चाई आगे आप को बताएंगे उससे पहले जान लीजिए कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कोरोना को लेकर क्या आरोप लगाए थे.

यह भी पढ़ें : Hair Care Tips: बालों की देखभाल के लिए नारियल का तेल है सबसे कारगार उपाय

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा थो. राहुल गांधी कहा था कि रोजगार और विकास की तरह केंद्र सरकार कोरोना का असली डेटा भी जनता तक नहीं पहुंचने दे रही. महामारी ना सही, महामारी का सच तो नियंत्रण में कर ही लिया! दरअसल राहुल उस मीडिया रिपोर्ट के संदर्भ में बात कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि सरकार की तरफ से राज्यों पर कोरोना से जुड़े आंकड़े छिपाने का दबाव है. रिपोर्ट में कहा गया कि मौतें के वास्तविक आंकड़े और सरकारी आंकडें में करीब पांच गुना का अंतर है.

यह भी पढ़ें :ऑक्सीजन को लेकर दिल्ली के डिप्टी CM ने केंद्रीय मंत्री को लिखी चिट्ठी

चलिए अब आपको बताते है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में क्या दावा किया जा रहा है और क्या है इसकी सच्चाई. वायरल मैसेज में दावा है कि कोरोना वायरस से जुड़े डेटा को छिपाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जा रहा है. वहीं, वायरल हो रहे इस मैसेज के दावे को पीआईबी फैक्ट टेक ने पड़ताल की. जिसमें इसे पूरी तरह से फर्जी पाया. PIB Fact Check ने लिखा. यह दावा फर्जी है. COVID19 सम्बन्धी आंकड़े सभी राज्य सरकारों द्वारा स्वतंत्र रूप से प्रदान किए जा रहे हैं और इस पर केंद्र सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है.

बहरहाल, आप कोरोना के इस संकट काल में खुद का और अपनों का बेहद अच्छे से ख्याल रखिए. कोरोना को लेकर सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन कीजिए.