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Intelligence Bureau( Photo Credit : file photo)
सोशल मीडिया (Social Media) पर ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि एक विधेयक के जरिए खुफिया विभाग को और मजबूती दी जा रही है. इसके तहत वह किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज (FIR) कर सकता है और मामले की जांच कर सकता है. लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. यह दावा कुछ मीडिया रिपोर्ट में हो रहा है. ऐसे कहा जा रहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस तरह के विधेयक को पेश किया जा सकता है. इस मामले में पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है. दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र (Winter Session) में एक विधेयक पेश किया जाएगा, जिसके द्वारा खुफिया ब्यूरो को बड़ी ताकत मिलने वाली है. वह किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर सकेगी.
Some media reports claim that a Bill will be introduced in the upcoming Winter Session of Parliament by which the Intelligence Bureau may be able to file an FIR, investigate a case & summon people for questioning.#PIBFactCheck
◾️The claim is #Fake
◾️There is no such proposal pic.twitter.com/Qy952PlAnc— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 16, 2022
पीआईबी ने इस मैसेज को ट्वीट करके शेयर किया है. इस मैसेज में कहा जा रहा है कि सरकार इंटेलिजेंस ब्यूरों को ताकत देने जा रही है कि वह किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज पूछताछ के लिए बुला सकती है. इस बिल को जल्द संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. पीआईबी फैक्ट चेक इस संदेश का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया है और इस पर फेक की मुहर लगाई है. उसका कहना है कि दावा पूरी तरह से गलत है. सरकार पर इस तरह का कोई फैसला नहीं लेने वाली है. पीआईबी ने अपील की है कि तरह के संदेशों के झांसे में आम जनता न आए. वे इस तरह के संदेशों को शेयर करने से पहले जांच ले.
Source : News Nation Bureau