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Fact Check: क्या केंद्र सरकार ने पासपोर्ट से निकाला 'नेशनलिटी' का कॉलम? सामने आई सच्चाई

डिजिटल दुनिया में आजकल सोशल मीडिया पर फेक व भ्रामक खबरों का बोलबाला दिखाई दे रहा है

Updated on: 14 Aug 2021, 11:49 PM

नई दिल्ली:

डिजिटल दुनिया में आजकल सोशल मीडिया पर फेक व भ्रामक खबरों का बोलबाला दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले जानकारियों में से काफी कुछ गलत निकलती हैं. यही वजह है कि केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली फेक न्यूज के खिलाफ बड़ा कदम उठाना पड़ा है. अब सोशल मीडिया कंपनी को कोई भी फेक या एंटी नेशन खबर का मूल सोर्स बताना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही एक निर्धारित समय सीमा के भीतर वह कंटेंट भी अपने प्लेटफॉर्म से हटाना होगा. इस बीच पासपोर्ट से जुड़ी एक खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. खबर में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने पासपोर्ट में से राष्ट्रीयता के कॉलम को हटा दिया है. इस जानकारी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल किया जाता है.

सोशल मीडिया पर वायरल होने वो मैसेज में लिखा है कि केंद्र सरकार ने पासपोर्ट से भारतीय राष्ट्रीयता का कॉलम हटा दिया है. मैसेज में कहा गया कि सभी लोग एक तो अपने पुराने पासपोर्ट को संभाल कर रखे. इसके साथ ही यह भी लिखा ​गया कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा दूसरों तक पहुंचाएं." बहरहाल, जब पीआईबी की फैक्ट टीम ने इंटरनेट पर वायरल मैसेज की पड़ताल की तो सही जानकारी निकलकर सामने आई. दरअसल, फैक्ट चेक में पता चला कि केंद्र सरकार ने पासपोर्ट से जुड़ा ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है, जैसा की वायरल मैसेज में बताया जा रहा है. 

पीआईबी ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि पासपोर्ट से राष्ट्रीयता वाले कॉलम को खत्म करने का दावा बिल्कुल फर्जी है. सरकार की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है. नए आईटी नियमों को लेकर सोशल मीडिया दिग्गजों और भारत सरकार/कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच रस्साकशी के बाद लाखों भारतीयों के पास ज्वलंत सवाल यही है कि आखिरकार इसका हल कैसे निकलेगा? इसकी वजह ये है कि तमाम हो-हल्ला के बावजूद फेक न्यूज का प्रसार ज्यों का त्यों जारी है. फेक सूचना पर एक समर्पित कानून की अनुपस्थिति के बीच भारत में वर्तमान में सोशल नेटवर्क को विनियमित करने के लिए अपर्याप्त आईटी नियम हैं. अब पंख फैला चुके सोशल मीडिया साइट्स पर नकेल कसने के लिए केवल नोटिस देने से काम नहीं चलने वाला है. इस बहस के बीच, भारत में उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने बारे में नकली समाचार / गलत सूचना के प्रसार को हटाने या अक्षम करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.