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Fact Check:क्या दिल्ली मेट्रो में एक सीट के लिए तरसी 'मां'

मेट्रो रेल में जमीन पर बैठी इस महिला को जो अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ है, सीट पर बैठी महिलाओं ने उन्हें ना सीट दी बल्कि उन्हें अनदेखा किया.

Updated on: 19 Nov 2021, 07:29 PM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया 22 सेकंड का एक मार्मिक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक महिला ट्रेन के फर्श पर बैठी है. गोद में नवजात बच्चा भी है, वीडियो में साथ वाली सीट पर तीन लड़कियां दिखाई दे रही हैं, ये तीनों अपना मोबाइल ऑपरेट करने में लगी है, कैमरा घूमता है तो सामने की सीट पर भी महिलाएं नज़र आती हैं, लेकिन उनमें से भी कोई फर्श पर बैठी इस महिला को सीट देना का कष्ट नहीं करती. दावा है कि कि वायरल वीडियो दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन का है, जहां महिला बच्चा भूख से रोने लगा तो वो फर्श पर बैठकर उसे दूध पिलाने लगी. किसी ने भी उसे सीट नहीं दी. वीडियो शेयर करते हुए के यूजर ने लिखा-"शिक्षा तो दे दी अगर संस्कार नहीं दिए तो सब व्यर्थ है, मेट्रो रेल में जमीन पर बैठी इस महिला को जो अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ है, सीट पर बैठी महिलाओं ने उन्हें ना सीट दी बल्कि उन्हें अनदेखा किया."

पड़ताल

वीडियो की पड़ताल की तो हमें वीडियो से ही कई क्लू मिले. मेट्रो ट्रेन में बैठी महिलाएं ने मास्क लगा रखा, जिससे साबित होता है कि वीडियो हाल-फिलहाल यानि कोरोना काल का ही है. दिल्ली मेट्रो में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत खड़े होने की जगह पर कुछ स्टीकर लगाए गए थे, लेकिन वायरल वीडियो में वैसे स्टीकर दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिससे लगता है कि वीडियो दिल्ली मेट्रो का नहीं है. इसके अलावा सीट के बाएं और दाएं तरफ लगे शीशे पर नीले रंग से डिजाइन बना है, जबकि DMRC के तहत  चलने वाली मेट्रो में ऐसा डिजाइन नहीं होता है.

कैसे सामने आया सच ?

क्लू मिलने के बाद हमने कुछ-कीवर्ड्स की मदद से वीडियो को इंटरनेट पर सर्च किया. तो हमें एक यू-ट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला, जिसके डिस्क्रिप्शन में इस वीडियो को 26 अक्टूबर को अपलोड किया गया था, खास बात ये कि वीडियो दिल्ली मेट्रो का नहीं बल्कि हैदराबाद मेट्रो का बताया गया.

पड़ताल की अगली कड़ी में हमने हैदराबाद मेट्रो का वीडियो, वायरल वीडियो से मैच कराया तो पूरा सच सामने आ गया. हैदराबाद मेट्रो के शीशों पर वैसा ही डिजाइन बना है. जैसा कि वीडियो सोशल मीडिया में दिल्ली मेट्रो का बताया जा रहा है.

इस तरह हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो अक्टूबर महीने में हैदराबाद मेट्रो का है ना कि दिल्ली मेट्रो का.