Fact Check: CAB के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुलिस के अत्याचार की तस्वीर, क्या हैं सच्चाई?
वायरल हो रही पहली तस्वीर में एक घायल महिला पुलिस वालों के साथ दिख रही हैं तो वहीं दूसरी तस्वीर में सड़क पर गिरी महिला के साथ पुलिसवाले हाथापाई करते दिख रहे हैं. इन तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि असम में नागरिकता बिल का विरोध क
नई दिल्ली:
आजकल कोई भी घटना घटती नहीं है कि उससे जुड़े फेक तस्वीरें और वीडियो और न्यूज सोशल मीडिया पर वायरल होने लगते हैं. ऐसे ही अब नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill 2019) को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में हो रहे विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी फेक 2 तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल हो रही पहली तस्वीर में एक घायल महिला पुलिस वालों के साथ दिख रही हैं तो वहीं दूसरी तस्वीर में सड़क पर गिरी महिला के साथ पुलिसवाले हाथापाई करते दिख रहे हैं. इन तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि असम में नागरिकता बिल का विरोध कर रही महिलाओं के साथ पुलिस वाले अत्याचार कर रहे हैं.
Assam is burning. Protesters protesting against Citizenship (Amendment) Bill are being physically molested and female protesters are being beaten up by male police personnels without any valid reason.@UNICEFIndia @UN @hrw @USCIRF @UN_Women @HumaneSociety #AssamOpposesCAB pic.twitter.com/zzdvDS2PpS
— Maitrayee Baruah (@MaitrayeeBarua2) December 11, 2019
Assam is burning. Protesters protesting against Citizenship (Amendment) Bill are being physically molested and female protesters are being beaten up by male police personnels without any valid reason.@UNICEFIndia @UN @hrw @USCIRF @UN_Women @HumaneSociety #AssamOpposesCAB pic.twitter.com/zzdvDS2PpS
— Maitrayee Baruah (@MaitrayeeBarua2) December 11, 2019
वायरल हो रही तस्वीर के पीछे की सच्चाई जब हमने पता की तो हमारे सामने इसकी कुछ और ही सच्चाई खुलकर सामने आई है. दरअसल पहली तस्वीर जिसमें महिला सड़क पर गिरी हुई नजर आ रही वो असम की नहीं बल्कि लखनऊ की है. हाल ही में यूपी के उन्नाव में एक गैंगरेप पीड़िता को कथित तौर पर जला दिया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. इसी घटना को लेकर 7 दिसंबर को लखनऊ में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया था. (https://hindi.asianetnews.com/gallery/uttar-pradesh/unnao-case-up-)
दरअसल ये समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकर्ता है जो अपने नेता अखिलेश यादव के धरनास्थल तक जाने की कोशिश कर रही है लेकिन उसे महिला पुलिस अधिकारी ने पकड़ लिया और इसी धड़पकड़ में वो गिरी और फ़ोटो click हुआ.. pic.twitter.com/LmoRjNYfh5
— kumar abhishek. (@abhishek6164) December 8, 2019
इस प्रदर्शन में पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हाथापाई देखने को भी मिली थी. पुलिसकर्मी और महिला की इस हाथापाई का जब वीडियो सामने आया तो यह बात साफ हो गई कि पुलिसकर्मी एक महिला ही थी. यह तस्वीर भी उसी घटना की है, जिसे लोगों असम का बताकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.
वहीं दूसरी तस्वीर जिसमें महिला के साथ एक बच्ची नजर आ रही है साथ ही उसके सिर से खून बह रहा है वो भी असम की नहीं बल्कि यूपी के मैनपूरी की है. ये तस्वीर करीब 3 साल पुरानी है.
ये भी पढ़ें: Fact Check: क्या सही में अमित शाह ने छुए बलात्कारी नित्यानंद के पैर, जानें वायरल तस्वीर के पीछे का सच?
खबरों के मुताबिक तस्वीर में दिख रही महिला और उसके पति को छेड़छाड़ का विरोध करने पर कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा था. इस मारपीट में महिला के सर पर किसी ने डंडे से भी वार किया था. उस समय घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. इस खबर को आप इस लिंक (https://daily.bhaskar.com/news/TOP-up-women-violence-5487337-PHO.html?seq=2) पर जाकर पढ़ सकते है
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