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fact check( Photo Credit : ani)
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fact check( Photo Credit : ani)
आजकल सोशल मीडिया पर कई ऐसे संदेश वायरल हो रहे हैं जो आम जनता में भ्रम फैला रहे हैं. इस तरह से फेक न्यूज को भी बढ़ावा मिल रहा है. इस समय देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. लोग सड़कों पर तिरंगा लेकर घूम रहे हैं. तरह-तरह के आयोजन की तैयारी हो रही है. इस बीच एक संदेश वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार राशन के लिए गरीबों को जबरन 20 रुपये का झंडा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. इसके बिना उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है. गरीबों को जबरदस्ती झंड़ा खरीदना पड़ रहा है, तभी डिपो के मालिक उन्हें राशन देंगे. इस मामले में जब PIB Fact चेक टीम ने पड़ताल की तो इसे पूरी तरह से फर्जी पाया.
Some social media posts claim that Govt of India has instructed denial of ration to people not buying national flag
▶️The claim is not true
▶️No such instruction has been given by GoI
▶️Errant ration shop has been suspended for violating orders of Govt & misrepresenting facts pic.twitter.com/MA34l34g1n
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 10, 2022
टीम ने कहा, ️भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. ️टीम ने बताया कि इस तरह के संदेश फैलाकर आम जनता को भड़काने की कोशिश हो रही है. भारत सरकार की ओर से इस तरह के कोई आदेश नहीं दिया गया है. गौरतलब है कि कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को आरोप लगाया था कि गरीबों को राशन देने के बदले तिरंगे के नाम 20 रुपये की जबरन वसूली हो रही है. पीआईबी ने बताया कि सरकार के आदेश का उल्लंघन करने के साथ तथ्यों को गलत तरह से पेश करने के आरोप में एक राशन की दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.
Source : News Nation Bureau