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मथुरा में शाही ईदगाह की तरफ दौड़े 2 लाख लोग, न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच

दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो मथुरा का है और लोगों की भीड़ शाही ईदगाह में कृष्ण मूर्ति स्थापित करने के लिए दौड़ रही है

Updated on: 15 Dec 2021, 02:20 PM

highlights

  • पुलिस ने इस वीडियो को मथुरा का मानने से इनकार किया
  • इस वीडियो को 13 अक्टूबर 2021 को अपलोड किया गया था

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया में 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भगवा पहने लोगों की भीड़ एक दिशा में दौड़ती नजर आ रही है. इन लोगों ने अपने हाथ में भगवा झंडे भी पकड़ रखे है. इस दौरान आक्रोशित भीड़ पुलिस की बैरिकेडिंग भी तोड़ डालती है. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो मथुरा का है और लोगों की भीड़ शाही ईदगाह में कृष्ण मूर्ति स्थापित करने के लिए दौड़ रही है. वीडियो शेयर करते हुए रुपेश कुमार गुप्ता ने लिखा-"ब्रेकिंग न्यूज़ इस वक़्त की बड़ी खबर मथुरा में कृष्ण भक्तों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी जय श्री कृष्णा हर हर महादेव"

पड़ताल

चूंकि वीडियो में कहीं-कहीं पुलिसवाले भी दिखाई दे रहे हैं, इसलिए हमने मथुरा पुलिस से संपर्क साधा..तो हमें मथुरा पुलिस के एक ट्वीट के बारे में बताया गया. जिसमें पुलिस ने इस वीडियो को मथुरा का मानने से इनकार किया है. साथ ही मथुरा के नाम पर वीडियो शेयर करने वालों के खिलाफ़ एक्शन लेने की बात कही है.

मथुरा पुलिस के बयान से साफ हो गया कि वीडियो वहां का नहीं है. इसके बाद हमने वीडियो का एक-एक फ्रेम देखा. वीडियो में जो पुलिसवाले नज़र आ रहे हैं, उनकी यूनिफॉर्म पर छत्तीसगढ़ पुलिस का बैच है. इससे साफ हो जाता है कि वीडियो छत्तीसगढ़ का हो सकता है. पड़ताल की अगली कड़ी में हमने वीडियो को छत्तीसगढ़ का मानकर कुछ की-वर्ड से इंटरनेट पर सर्चिंग की. तो क्लिपर नाम का एक यू-ट्यूब चैनल मिला. जिसपर इस वीडियो को 13 अक्टूबर 2021 को अपलोड किया गया था.

वीडियो के साथ जो जानकारी दी गई, उसके मुताबिक वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के कोरबा इलाके का है. जहां कवर्धा हिंसा के विरोध में वीएचपी ने आक्रोश रैली निकाली थी. दरअसल 3 अक्टूबर को कवर्धा में धार्मिक झंडे को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हो गया था. इस दौरान 8 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे. विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना के विरोध में रैली की थी, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ प्रतिबंधित इलाके में जाने से रोका था. लेकिन भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी. पड़ताल में हमें कई और मीडिया रिपोर्ट्स मिली. जिससे कवर्धा वाली घटना की पुष्टि हो गई. तो इस तरह हमारी पड़ताल में वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ. वीडियो छत्तीसगढ़ के कोरबा का है, ना कि कृष्णनगरी मथुरा का.