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Fact Check: क्या असम में जबरन लोगों को घरों से उठा रही है पुलिस? क्या है इस वीडियो का सच

इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि असम में NRC लागू होते ही पुलिस लोगों को घर से उठाना शुरू कर चुकी है

Updated on: 05 Jan 2020, 07:45 AM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी काफी सारे लोगों को जबरन गाड़ी में भर रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि असम में NRC लागू होते ही पुलिस लोगों को घर से उठाना शुरू कर चुकी है. इस वीडियो में कुछ महिलाओं को भी जबरन गाड़ी में चढ़ाया जा रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, ' #Urgent. #Urgent #Urgent असम में NRC लागू, लोगों को घरों से उठाना शुरू हो चुका है, न्यूज़ (news) वाले आपको ये नहीं दिखाएगी, क्यों कि वो बिक चुकी है, अब हमारी और आपकी जिम्मेदारी है, इस वीडियो (video) को ज़्यादा से ज्यादा शेयर (share) करने की.'

वीडियो का सच

इस वीडियो पर AZAD REPORTER का लोगो लगा है. हमने इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए Azad reporter नाम से फेसबुक पर सर्च किया तो Azad Reporter Abu Animal नाम का फेसबुक पेज खुला. इस पर भी वहीं वीडियो थी. लेकिन ये वीडियो इस पेज पर 19 दिसबंर को शेयर की गई थी और इसके रकैप्शन भी किए जा रहे दावे से अलग था. इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा था कि 'हैदराबाज एक्जीबिशन ग्राउंड में जो भी प्रोटेस्ट में शरीक हो रहे हैं, पुलिस उनको हिरासत में ले रही है.

इसके अलावा हमने जब इस खबर को गूगल पर सर्च किया तो इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर मिली जिसमें बताया गया था कि CAA पर प्रोटेस्ट करने की वजह से हैदराबाद में 300 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. हिरासत में लिए लोगों में कई छात्र भी शामिल थे. इसके अलावा इस वीडियो को गौर से देखने पर एक महिला पुलिसकर्मी के बैच पर भी TSP लिखा दिखाई दिया जिसका मतलब 'तेलंगाना स्टेट पुलिस' है. ऐसे में इन सब तथ्यों से ये साबित हो जाता है कि वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा गलत है और इससे असम का कोई लेना-देना नहीं है.