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क्या भगवा गमछा डालकर ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने मांगे वोट? जानें वायरल तस्वीर की सच्चाई 

ऑस्ट्रेलिया के आम चुनावों में बीते हफ्ते नतीजे आए हैं. चुनाव में लेबर पार्टी ने जीत हासिल की है और पार्टी नेता एंथनी अल्बनीस पीएम बने हैं. एंथनी अल्बनीस के पीएम बनने के बाद उनकी कुछ तस्वीरें भारत में सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है.

Updated on: 24 May 2022, 08:52 PM

highlights

  • सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को लेकर कई तरह के दावे हो रहे हैं
  • इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने शेयर किया है

नई दिल्ली:

ऑस्ट्रेलिया (Australia)  के आम चुनावों में बीते हफ्ते नतीजे आए हैं. चुनाव में लेबर पार्टी ने जीत हासिल की है और पार्टी नेता एंथनी अल्बनीस (Anthony Albanese) पीएम बने हैं. एंथनी अल्बनीस के पीएम बनने के बाद उनकी कुछ तस्वीरें भारत में सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है. इन तस्वीरों में वे भगवा गमछा पहने नजर आ रहे हैं. उस पर ओम लिखा हुआ है. सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को लेकर कई तरह के दावे हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर शेयर की जा रहीं एंथनी अल्बनीस की भगवा गमछे वाली फोटो के साथ कई बातें कही जा रही हैं. कुछ लोगों का दावा है कि एंथनी ने हिन्दू धर्म का सम्मान करते हुए भगवा गमछा पहनकर पीएम पद की शपथ ली. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एंथनी ने विश्व हिन्दू परिषद के एक कार्यक्रम में भाग लिया. इस संगठन समर्थन किया है. इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने शेयर किया है. 

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इन तस्वीरों की बात की जाए तो ये सही है कि ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीस दोनों तस्वीरें में भगवा गमछा पहने हुए हैं. इन गमछों पर ओम  का निशान भी बना हुआ है. ये तस्वीरें फेक कैटेगरी में नहीं आती हैं. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के नेताओं की ये तस्वीरें चुनाव प्रचार के दौरान की हैं. इस माह की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने वहां के हिंदू समुदायों के बीच अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लिया था.

एंथनी अल्बनीस की जो तस्वीरें वायरल हुई हैं, यह छह मई की हैं. वह  हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में गए थे. इस कार्यक्रम में एंथनी ने भाषण भी दिया था. ये तस्वीरें तो सहीं हैं, मगर दावे भ्रामक हैं. एंथनी अल्बनीस के हिन्दुओं के कार्यक्रम में जाने और गमछा पहनने की बात तो बिल्कुल सही है लेकिन इन तस्वीरों के साथ जो दावे करे जा रहे हैं, उनमें किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. अल्बनीस ने ना तो भगवा पहनकर शपथ ली और ना ही वीएचपी को कोई समर्थन दिया. ये एक चुनावी कार्यक्रम था, इसमें वो गए और अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान मांगे.