दिवाली पर अंधा कर देंगे चाइनीज पटाखे, न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच
चीन ने भारत में अस्थमा फैलाने के लिए पटाखों को विशेष प्रकार के पटाखों से भर दिया है. जो कि कार्बन मोनो-ऑक्साइड से विषैला है.
नई दिल्ली:
सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हो रहा है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि चीन से आंखों की रोशनी छीनने वाले पटाखों की सप्लाई हो रही है. ये पटाखे दिवाली पर फोड़ना खतरनाक हो सकता है. इससे भारतीय अस्थमा के मरीज बन सकते हैं. दावे के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान की सलाह पर ये खौफ़नाक साजिश रची है. वायरल मैसेज में लिखा है. इंटेलिजेंस के अनुसार चूंकि पाकिस्तान सीधे भारत पर हमला नहीं कर सकता है, इसलिए उसने भारत से बदला लेने के लिए चीन से मांग की है. चीन ने भारत में अस्थमा फैलाने के लिए पटाखों को विशेष प्रकार के पटाखों से भर दिया है. जो कि कार्बन मोनो-ऑक्साइड से विषैला है.
#WhatsApp पर गृह मंत्रालय के कथित अधिकारी के नाम से वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि चीन भारत में अस्थमा फैलाने और नेत्र रोग विकार उत्पन्न करने के लिए विशेष प्रकार के पटाखे और सजावटी लाइट्स भेज रहा है।#PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। गृह मंत्रालय ने ऐसी कोई सूचना नहीं दी है। pic.twitter.com/6s1qLp8b31
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 3, 2020
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया. जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस तरह का कोई अलर्ट जारी किया है. हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट को भी खंगाला लेकिन हमें वहां पर भी दावे से जुड़ी कोई जानकारी या फिर प्रेस रिलीज नहीं मिली. जांच के दौरान हमने पाया कि गृह मंत्रालय में वरिष्ठ जांच अधिकारी जैसा कोई पद ही नहीं है. इसके बाद हमने विश्वजीत मुखर्जी के बारे में सर्च करना शुरू किया. हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट को एक बार फिर खंगाला, लेकिन हमें विश्वजीत मुखर्जी नामक कोई अधिकारी वहां पर नहीं मिला. जिनका जिक्र वायरल मैसेज में किया गया है.
इंटरनेट पर सर्चिंग के दौरान हमें साल 2017 का ठीक ऐसा ही एक और मैसेज मिला. मैसेज अंग्रेजी मे था लेकिन इस मैसेज में भी वही बातें लिखी है. जो अभी वायरल हो रही हैं. 2017 का ये मैसेज मिलने से साफ हो गया कि हाल-फिलहाल वायरल हो रहा मैसेज फर्जी हो सकता है. पड़ताल पर मुहर लगाने के लिए हमने PIB फैक्ट चेक का आधिकारिक ट्विटर हैंडल खंगाला...तो साल 2020 का एक ट्वीट मिला जिसमें प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इसे फेक बताया था.
तो इस तरह हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि वायरल मैसेज में किया जा रहा दावा गलत है. गृहमंत्रालय की तरफ से चाइनीज पटाखों को लेकर फिलहाल कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. साल 2017 के पुराने मैसेज को ही शेयर करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
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