गोदाम में बनाए जा रहे हैं कैंसर फैलाने वाले चावल- न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच
सोशल मीडिया पर कैंसर वाले चावल का वीडियो वायरल हुआ तो न्यूजनेशन ने की पड़ताल, सच आया सामने. वायरल वीडियो में जमीन के ऊपर चावल बिखरा है और एक शख़्स हाथों में ली गई एक बोतल दिखा रहा है.
नई दिल्ली :
सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, इस वीडियो में जमीन के ऊपर चावल बिखरा है और एक शख़्स हाथों में ली गई एक बोतल दिखा रहा है. इसके फौरन बाद ये शख़्स बोतल में रखा पदार्थ चावलों में मिलाने लगता है. दावा किया जा रहा है कि ये शख्स चावल में केमिकल मिला रहा है, ये केमिकल इतना ख़तरनाक है कि इससे कैंसर तक हो सकता है. दावे के मुताबिक वायरल वीडियो भारत का है. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- "भारत में बनने वाले ब्राउन राइस मत खरीदिए या किसी हॉकर सेंटर से मत लाइए. ये चावल में केमिकल है. ये चावल को ब्राउन बनाने के लिए डाई मिला रहे हैं. इससे पेट का कैंसर हो सकता है. जिस केमिकल को मिलाया जा रहा है वो पेट का कैंसर बनाता है."
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अभी तक प्लास्टिक के चावल मार्केट में आने की ख़बरें सामने आती थीं. लेकिन अब बकायदा चावलों में केमिकल मिलाने वाला वीडियो सामने है. हमने इस वीडियो की पड़ताल की और सबसे पहले ये जानने की कोशिश की कि क्या कोई केमिकल ऐसा है, जिसे चावल में मिलाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. इस सवाल का जवाब हमें मिला MD Felix hospital के सीनियर डॉक्टर DK Gupta से, जिन्होंने बताया कि चावल में इस तरह का केमिकल मिलाने का मकसद उसकी चमक और खुशबू बढ़ाना होता है. हालांकि इस तरह के सभी केमिकल इंसान की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकते हैं.
कैसे सामने आया सच ?
पड़ताल की अगली कड़ी में हमने ये जानने की कोशिश की कि वीडियो कहां का है, तो चावल की बोरी पर लिखा कैसेरीटा दिखाई दिया. हमने कैसेरीटा ब्रांड के बारे में इंटरनेट पर जानकारी जुटाई तो पता चला कि ये पेरू में रजिस्टर्ड है. बड़ी तादाद में इस कंपनी की फैक्ट्री में चावलों को तराशा जाता है.
इस वीडियो में एक शख्स ने जो टी-शर्ट पहन रखी है उस पर ना तो हिंदी लिखी है और ना ही अंग्रेजी...जिससे लगता है कि वीडियो भारत का नहीं है. इसलिए हमने पेरू में मिलावटी चावल की-वर्ड्स से इंटरनेट पर सर्चिंग की तो एक चैनल पर न्यूज़ मिली. इसमें पेरू के लीमा शहर का जिक्र किया गया है और बताया गया था कि इस फैक्ट्री में दो अलग-अलग तरह के चावल पहुंच गए थे इसलिए चावलों को एक जैसा करने के लिए इनमें रंग मिलाया गया. इस ख़बर से पता चला कि वीडियो साल 2018 का है.
इस तरह हमारी पड़ताल में साफ हो गया, चावल में केमिकल मिलाने का जो दावा किया जा रहा है वो आधा सही और आधा गलत है. आधा सही इसलिए, क्योंकि पेरू की मीडिया रिपोर्ट में चावल में रंग मिलाने की बात कही गई है और आधा गलत इसलिए क्योंकि वायरल वीडियो भारत का नहीं है.
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