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विधानसभा चुनाव से पहले यूपी के होंगे तीन हिस्से, पूर्वांचल अलग राज्य बनेगा, जानें सच

यूपी को 2 से 3 हिस्सों में बांटने को लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है.

Updated on: 13 Jun 2021, 09:31 PM

highlights

  • विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में बढ़ी सियासी हलचल
  • यूपी 2 से 3 हिस्सों में बंटेगा, पूर्वांचल अलग राज्य बनेगा!
  • सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है

नई दिल्ली :

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई. दरअसल, यूपी को 2 से 3 हिस्सों में बांटने को लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल उत्तर प्रदेश के विभाजन की खबर को उस बात और बल मिल गया क्योंकि बीतें दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली दौरे पर थे और उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,  पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी.

आपको बता दें कि साल 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उत्तर प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है. उत्तर प्रदेश को साल 2000 में दो भागों में विभाजित किया गया था, जिसके बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड (पूर्व में उत्तरांचल) एक अलग राज्य बनाया गया था.  वहीं,  उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल सहित तीन हिस्सों में बांटने की खबर को केंद्र सरकार ने फर्जी बताया है. इस संबंध में प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने  एक ट्वीट करके यूपी को तीन हिस्सों में बांटे जाने की खबर को गलत बताया है. पीआईबी ने कहा है कि एक खबर में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है. यह दावा फ़र्ज़ी है. केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के अलग हिस्से करने से संबंधित कोई विचार नहीं कर रही है.

 

दरअसल, वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नवंबर 2011 में प्रपोजल तैयार किया था और यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव भेजा था, तब यूपी को चार राज्यों पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि में बांटे जाने का प्रस्ताव था, लेकिन सपा सरकार बनने के बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया. अब एक बार फिर केंद्र सरकार गंभीरता से इस मामले में विचार कर रही है. यूपी विधानसभा में सीएम योगी के पास पूर्ण बहुमत है, जबकि लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत है, ऐसे में प्रस्ताव को पास करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.