क्या सभी राज्यों में दुपहिया चालकों को अब हेलमेट पहनना जरूरी नहीं? जानें पूरा सच
संदेश में कहा गया है कि सागरकुमार की याचिका के अनुसार, महानगरपालिका के दायरे में आने वालीं सड़कों पर हेलमेट पहना जरूरी नहीं है. वहीं हेलमेट सिर्फ हाईवे और राजमार्ग पर ही अनिवार्य होगा.
highlights
- ट्विटर पर मैसेज को प्रदर्शत कर इस दावे को पूरी तरह से फर्जी बताया
- इस तरह का कोई आदेश सरकार की तरफ से सामने नहीं आया है
नई दिल्ली:
सोशल मीडिया (Social Media) पर आए दिन कई तरह की घोषणाएं होती रहती हैं. ये तेजी से वायरल हो रही हैं. आम जनता के बीच इसकी पड़ताल करने की फुर्सत नहीं होती है. वे अक्सर इनके फेर में आकर इस तरह के मैसेजों को आगे बढ़ा देती है. अब सरकार इन संदेशों पर कड़ी निगाह बनाए हुए है. इस बीच एक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें कहा जा रहा है कि सभी राज्यों में दुपहिया चालकों की हेलमेट चेकिंग (Helmet Checking) को खारिज कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह भारत सरकार का निर्णय है. इसके लिए बकायदा एक न्यूज फॉर्मेट तैयार किया गया है.
इसे लोगों के सामने ब्रेकिंग न्यूज की तरह पेश किया गया है. इसे लेकर पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने अपने ट्विटर हैंडल (Twitter Handle) पर मैसेज को प्रदर्शत कर इस दावे को पूरी तरह से फर्जी बताया है. इस संदेश में ऐसा कहा जा रहा है कि अब तक सभी राज्यों में हेलमेट चेकिंग चल रही थी, उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
#WhatsApp पर वायरल हो रहे एक फर्जी मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सभी राज्यों में दुपहिया चालकों की हेलमेट चेकिंग को खारिज कर दिया गया है #PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) October 19, 2022
▶️भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है
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संदेश में कहा गया है कि सागरकुमार की याचिका के अनुसार, महानगरपालिका के दायरे में आने वालीं सड़कों पर हेलमेट पहना जरूरी नहीं है. वहीं हेलमेट सिर्फ हाईवे और राजमार्ग पर ही अनिवार्य होगा. मैसेज में कहा गया है कि अगर आपसे कोई पुलिस वाला या ट्रैफिक वाला हेलमेट को लेकर पूछताछ करे तो यह कह सकते हैं कि आप महानगरपालिका की हद में हैं. ऐसे में यहां पर हेलमेट पहनना अनिवार्य नहीं हैं. आपको यह जानकार खुशी हुई होगी. इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने के लिए कहा गया है.
इस संदेश को पीआईबी की टीम ने फर्जी बताया है, उसका कहना है कि इस तरह का कोई आदेश सरकार की तरफ से सामने नहीं आया है. इस संदेश को आगे बिल्कुल न बढ़ाया जाए. यह आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति को बढ़ावा देगा. टीम ने आम जनता से अपील की है कि जब भी इस तरह के संदेश मिलें तो इसकी पड़ताल कर लेनी चाहिए. बिना सोचे इस तरह के संदेशों पर बिल्कुल भी विश्वास न करें.
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