बॉलीवुड की दुनिया में कई ऐसे सितारे होते हैं जो सफलता की ऊंचाइयों को छूते हैं, लेकिन उनके जीवन की कहानी में संघर्ष और त्रासदी भी छिपी होती है. ऐसी ही एक दर्दनाक कहानी है अभिनेत्री विमी की, जिनकी जिंदगी का सफर फिल्म इंडस्ट्री की चमक के बावजूद बेहद कठिन और दुखद रहा. विमी ने 60 और 70 के दशक में कई शानदार फिल्मों में काम किया, जिनमें 'आबरू', 'हमराज', और 'पतंगा' शामिल हैं.
विमी की एक्टिंग को ऑडियंस ने सराहा
विमी की एक्टिंग को ऑडियंस ने सराहा और उन्हें संजय दत्त, राजकुमार, और शशि कपूर जैसे स्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिला. विमी की फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री एक खास घटना के माध्यम से हुई थी. वह पहले से ही शादीशुदा थीं और दो बच्चों की मां थीं जब उन्होंने फिल्म जगत में कदम रखा. शिव अग्रवाल नामक एक बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट के बेटे से विवाह के बाद विमी का परिवार इस शादी के खिलाफ था, लेकिन उनका करियर म्यूजिक डायरेक्टर रवि के सहयोग से शुरू हुआ.
फिल्म 'हमराज' में कास्ट किया
रवि ने उन्हें बीआर चोपड़ा से मिलवाया, जिन्होंने उन्हें फिल्म 'हमराज' में कास्ट किया. यह फिल्म हिट रही और विमी को इंडस्ट्री में पहचान मिली. हालांकि, विमी की सफलता का यह दौर ज्यादा लंबे समय तक नहीं चला. उनके करियर की ऊंचाइयों को ठेस पहुंची जब उनकी फ्लॉप फिल्मों ने उनके करियर ग्राफ को नीचे गिरा दिया.
विमी की आर्थिक स्थिति खराब हो गई
फिल्में मिलना बंद हो गईं और विमी की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. इस दौरान, उनके ससुराल वालों ने उन्हें प्रॉपर्टी से बेदखल कर दिया और घर से निकाल दिया. विमी और उनके पति का तलाक हो गया और उनकी सेविंग्स भी समाप्त हो गईं. आर्थिक तंगी और व्यक्तिगत समस्याओं के बीच, विमी एक ऐसे शख्स के प्यार में पड़ गई जिसने उन्हें प्रॉस्टिट्यूशन में धकेल दिया.
नशे ने उनके जीवन को मुश्किल बना दिया
नशे की लत ने भी उनके जीवन को और मुश्किल बना दिया. विमी की हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे. मात्र 34 साल की उम्र में, विमी पूरी तरह अकेली पड़ गईं और अंततः उनकी मौत हो गई. उनके शव को ठेले पर रखकर श्मशान ले जाया गया, यह दर्शाता है कि उनके अंतिम समय में उन्हें कंधा देने वाला कोई नहीं था.