Birthday Special: जब रामानंद सागर की 'रामायण' के लिए देशभर में लग जाता था 'लॉकडाउन'
29 दिसंबर 1917 को जन्मे रामानन्द सागर (Ramanand Sagar) का असली नाम चंद्रमौली चोपड़ा (Chandramouli Chopra) था. 90 के दशक में जब 'रामायण' टीवी पर प्रसारित होता था तो सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था
नई दिल्ली:
दूरदर्शन के मशहूर सीरियल 'रामायण' (Ramayan) को बनाने वाले रामानंद सागर (Ramanand Sagar) का आज जन्मदिन है. रामानंद सागर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हिंदी सिनेमा जगत के लिए उनके द्वारा किया गया योगदान हमेशा याद किया जाएगा. 29 दिसंबर 1917 को जन्मे रामानन्द सागर (Ramanand Sagar) का असली नाम चंद्रमौली चोपड़ा (Chandramouli Chopra) था. 90 के दशक में जब 'रामायण' टीवी पर प्रसारित होता था तो सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था.
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यही दृश्य एक बार फिर इस कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान भी देखने को मिला. लॉकडाउन के दौरान रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के रामायण सीरियल को टीवी पर एक बार फिर से प्रसारित किया गया. जिसका नतीजा ये निकला कि इस शो ने इस बार वर्ल्ड रिकॉर्ड तक बना लिया. ये कहना भी गलत ना होगा कि लॉकडाउन के दौरान रामायण ने लोगों के लिए 'संजीवनी बूटी' का काम किया.
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पाकिस्तान में जन्में रामानंद सागर का बचपन काफी कठिनाइयों से गुजरा है. रामानंद सागर (Ramanand Sagar) का परिवार लाहौर से कश्मीर में आकर बसा था. लाहौर में रामानंद सागर का परिवार काफी संपन्न था मगर जब विभाजन हुआ तो रामानंद सागर के परिवार को अपना बिजनेस और सारी प्रॉपर्टी छोड़कर कश्मीर आना पड़ा. यहीं से परिवार के मुश्किल भरे दिनों की शुरुआत हुई. इसी दौरान रामानंद सागर की मां का निधन हो गया और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली. पैसों की तंगी की वजह से रामानंद सागर (Ramanand Sagar) ने बतौर चपरासी भी काम किया था. इसके बाद उन्होंने ट्रक क्लीनर से लेकर साबुन बेचने तक का काम किया था. आगे जाकर रामानंद सागर को पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिअटर में असिस्टेंट स्टेज मैनेजर के तौर पर काम मिल गया. यहां पर वो कई पृथ्वीराज कपूर की कई फिल्मों का हिस्सा रहे. रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के टीवी शो रामायण की बात करें तो इसमें अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया ने राम-सीता का किरदार निभाया था, जिन्हें उस दौरान लोग सचमुच राम-सीता समझने लगे थे.
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