फेविकोल (Fevicol) ने भारतीय कॉपरेरेट जगत से लेकर विज्ञापन की दुनिया में भी एक अलग ही इतिहास बनाया है. फेविकोल ने एक ब्रांड के रूप में पहचान ही नहीं बनाई है, बल्कि घर-घर में इसके जुमले लोगों की जुबां पर छाए रहते हैं. ऐसा बहुत ही कम होता है कि किसी प्रोडक्ट का एड इतना फेमस हो जाए कि लोग उस एड को ही सोशल मीडिया पर शेयर करने लगें.
फेविकोल ने इस बार अपने 60 साल पूरे होने के जश्न में जो नया एड लॉन्च किया है वो भी उसके बाकी विज्ञापनों की तरह ही बहुत पॉपुलर हो रहा है फेविकोल के मन को छू जाने वाले विज्ञापनों के पीछे ब्रांडिंग कंपनी ओगिल्वी एंड मैथर (Ogilvy & Mather) के एड गुरु पीयूष पांडे का हाथ है. फेविकोल के नए एड में दिखाया गया है कि कैसे एक सोफे ने अपने जीवनकाल के दौरान शर्माइन से लेकर मिश्राइन और उसके बेटे और बेटी और फिर बंगालन के घर तक का सफर तय किया लेकिन टूटा नहीं क्योंकि इसमें फेविकोल लगा था.
पीयूष पांडे और उनकी टीम ने ही 1997 में फेविकोल के लिए पहला एड बनाया था जिसमें पंच लाइन दम लगा के हइशा काफी हिट हुई थी. यहां पढ़िए Fevicol के मजेदार एड के मजेदार लिरिक्स..
"शर्मा की दुल्हिन जो ब्याह के आईं संग टू सीटर सोफा ले आईं.
पड़ गओ नाम शर्माइन का सोफा, हाए रे शर्माइन का सोफा
शर्माइन बहिन का ब्याह कराइन, सोफा पे नवा कपड़ा चढ़ाइन
बन गओ वो मिश्राइन का सोफा, हाए रे मिश्राइन का सोफा
मिश्राइन का लड़का कलेक्टर बनेलु, सोफा पे रग्जीन कपड़ा चढ़ेलु
बन गओ वो कलेक्ट्राइन का सोफा, हाए रे कलेक्ट्राइन का सोफा
कलेक्टर की बिटिया लव मैरिज करेली, सोफा पे बंगाली किर्मिक चढ़ेली
बन गओ वो बंगालन का सोफा, हाए रे बंगालन का सोफा
बड़ा घरन का प्यार निपटाओ, सोफा 60 का होने को आओ
देखी गंगा पार की शादी, देखी देश के बाहर की शादी
अब जो ये ब्याह कराए या ना कराए. पर सोफा बनाए तो दिल से बनाए."
आज देश की लाखों दुकानों पर फेविकोल अपने नाम व काम से बिकता है. खास बात यह है कि जब कोई दुकानदार ग्राहक को कोई दूसरा गोंद देने की कोशिश करता है तो अक्सर ग्राहक खुद उससे फेविकोल मांगते नजर आता है.