थाईलैंड की ओपल सुचाता चुआंगसरी ने मिस वर्ल्ड 2025 का ताज जीत कर पहली बार थाईलैंड को ये खिताब जिताया है. ब्यूटी पेजेंट के इतिहास में ये पहला विश्व सुंदरी का ताज है, जो थाइलैंड की किसी लड़की ने अपने सिर पर सजाया है. ओपल सिर्फ सुंदरता की कहानी बयां नहीं कर रही हैं. हाल ही में उन्होंने बताया कि उनके साथ 16 साल की उम्र में कुछ ऐसा हुआ जिससे की उनकी पूरी दुनिया ही बदल गई. अपने इस ताज पर बात करते हुए 21 साल की ओपल ने कहा, ‘मेरी ये जीत मेरे देश को अंतराष्ट्रीय मंच पर अहम पहचान दिलाएगी. साथ ही ये भी अहम है कि अब मैं कैसे उन सामाजिक मुद्दों पर बात करती हूं जो बाकी देशों के लिए भी अहम है, जैसे महिलाओं के लिए हेल्थकेयर.
महिलाओं तक आवाज पहुंचाना
ओपल का उद्देश्य अब अपने ‘ओपल फॉर हर’ अभियान को और व्यापक बनाना है, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं स्तन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकें. वह चाहती हैं कि उनकी आवाज उन महिलाओं तक पहुंचे जो इस विषय पर बात करने से हिचकिचाती हैं. ओपल का मानना है कि शिक्षा और जागरूकता ही इस दिशा में सबसे प्रभावी कदम हैं.’
16 साल की उम्र में हुई सर्जरी
ओपल कहती हैं, ‘जब मेरी ब्रेस्ट लंप रिमूवल सर्जरी हुई थी, मैं 16 साल का थी. इसलिए मैंने इसके लिए जागरूकता बढ़ाना शुरू कर दिया क्योंकि इतनी कम उम्र में ऐसा होना कॉमन नहीं है. मेरे साथ जो हुआ था, उससे मैं बहुत ही शॉक्ड थी. इसलिए मैं इसके बारे में बात करना चाहती हूं.’ वह आगे कहती हैं, ‘जब तक मैं इस ब्यूटी पेजेंट का हिस्सा नहीं बनी थी, मैं बस एक आम लड़की थी जो इसके बारे में जारूकता फैलाने की कोशिश कर रही थी. लेकिन जब मैंने इसका हिस्सा बनने का फैसला लिया, तो ये मेरे लिए एक बड़ा मौका था.’ ओपल का मानना है कि इस तरह की समस्याओं के बारे में खुलकर बात करना और समय पर जांच करवाना बेहद जरूरी है, खासकर युवाओं के लिए.
ब्रेस्ट कैंसर के बारे में की बात
ओपल आगे बताती हैं, ‘बहुत से लोगों को ये लगता है कि ब्रेस्ट कैंसर या कैंसर, ज़्यादातर 30-40 की उम्र से ऊपर के लोगों को होता है पर ये सच नहीं है. साथ ही, लोगों को लगता है कि कैंसर का इलाज नहीं हो सकता… अगर आप इसका समय रहते पता लगा लें तो यह ठीक हो सकता है. ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनके बारे में मैं बात करना चाहूंगी.’ ओपल थाईलैंड की थम्मसाट यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनलल रिलेशंस पढ़ रही हैं. उन्हें थाई, अंग्रेजी और चीनी तीनों भाषाएं आती हैं और इसलिए इंटरनेशनल मंच पर वह आसानी से अपनी बात रख सकती हैं.