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Photograph: (Social Media)
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बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में गिनी जाने वाली 'शोले' की एक खास स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया. इस मौके पर इंडस्ट्री से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं. फिल्म निर्माता सूरज बड़जात्या भी इस खास मौके पर पहुंचे और अपनी खुशी जाहिर की. उनका कहना था कि इस फिल्म को दोबारा बड़े पर्दे पर देखना किसी उत्सव से कम नहीं है.
सूरज बड़जात्या ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 'शोले' न सिर्फ एक फिल्म है बल्कि एक आइकॉनिक धरोहर है. उन्होंने कहा कि यह फिल्म हर फिल्ममेकर के लिए एक सीख है. इसके किरदार. संवाद और निर्देशन आज भी उतने ही ताजगी भरे लगते हैं जितने उस दौर में थे. उन्होंने यह भी बताया कि यह फिल्म उन्हें हमेशा प्रेरित करती रही है.
इस स्क्रीनिंग में शामिल हुए अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. सभी ने माना कि 'शोले' भारतीय सिनेमा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है. यह फिल्म आज भी लोगों के दिलों में उतनी ही गहराई से बसी हुई है. जितनी रिलीज के समय थी. हर बार इस फिल्म को देखकर कुछ नया महसूस होता है.
सूरज बड़जात्या ने खासतौर पर कहा कि 'शोले' जैसी फिल्में नई पीढ़ी के फिल्ममेकर्स के लिए एक मजबूत उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को इस तरह की फिल्मों से सीख लेकर कंटेंट पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भी ऐसे क्लासिक कंटेंट को आगे बढ़ाया जाएगा.
इस खास स्क्रीनिंग ने एक बार फिर साबित किया कि अच्छी फिल्मों की कोई उम्र नहीं होती. सूरज बड़जात्या जैसे अनुभवी फिल्ममेकर का इस कार्यक्रम में शामिल होना अपने आप में एक बड़ी बात है. यह न केवल एक फिल्म की तारीफ है. बल्कि भारतीय सिनेमा की विरासत को सहेजने की कोशिश भी है.