Ratan Tata की वो पहली और आखिरी फिल्म, जिसे अमिताभ बच्चन भी नहीं बचा पाए; बनी सबसे बड़ी डिजास्टर
Ratan Tata Bollywood Film: बिजनेस टाइकून रतन टाटा ने जिस चीज में हाथ डाला उसमें उन्हें सक्सेस मिली. लेकिन क्या आप जानते हैं रतन टाटा ने एक फिल्म में भी पैसा लगाया था, जिसमें उन्हें सक्सेस नहीं मिली.
Ratan Tata Bollywood Film: बिजनेस टाइकून रतन टाटा का निधन हो गया है. उन्हें गंभीर हालत के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान 86 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस (Ratan Tatat Death) ली. कहा जाता है कि रतन टाटा ने अपनी जिंदगी में जिस भी चीज में हाथ डाला हैं, तो उन्हें सक्सेस ही मिली है. लेकिन क्या आपको पता है कि रतन टाटा को बॉलीवुड में भी खास दिलचस्पी थी. उन्होंने अपनी इस चाह के चलते एक फिल्म में पैसा भी लगाया था. लेकिन फिल्मो के बिजनेस में उन्हें सक्सेस नहीं मिली और वो फ्लॉप रहे. इसके बाद उन्होंने किसी भी फिल्म में काम नहीं किया. चलिए जानते हैं, कौन सी थी वो फिल्म-
रतन टाटा की पहली और आखिरी फिल्म
साल 2004 में रिलीज हुई फिल्म 'ऐतबार' को तन टाटा के इन्फोमीडिया फिल्म प्रोडक्शंस के तहत बनाया गया था. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु लीड रोल में थे, जिसे विक्रम भट्ट ने डायरेक्ट किया था. फिल्म की कहानी एक साइकोपैथिक लवर (John Abraham)) और उसकी प्रेमिका (Bipasha Basu) पर थी.'ऐतबार' में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने बिपाशा के पिता का रोलनिभाया था, जो अपनी बेटी को साइकोपैथिक लवर से बचाता है. इस फिल्म में इतने बड़े स्टार होने के बावजूद भी ये फ्लॉप रही थी. फिल्म का 9.50 करोड़ रुपये था और इसने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 4.25 और वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर महज 7.96 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था.
ऐतबार फिल्म 1996 में आई अमेरिकन फिल्म 'फियर' से इंस्पायर्ड थी. लेकिन बॉक्स ऑफिस पर से बुरी तरह फ्लॉप रही. ऐसे में फिल्म पर लगाया रतन टाटा का पैसा तो डूबा ही साथ ही रतन टाटा की फिल्म इंडस्ट्री में आगे बढ़ने की उम्मीद भी टूट गई. 'ऐतबार' इतनी बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई कि रतन टाटा ने दोबारा किसी फिल्म पर पैसा नहीं लगाया. इस तरह से 'ऐतबार' रतन टाटा द्वारा निर्मित पहली और आखिरी फिल्म बन गई. हालांकि बिजनेस में रतन टाट हमेशा ही सक्सेस रहे उन्हें 21 साल की उम्र में टाटा समूह का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया था और उन्होंने बेहद मेहनत से उसे नई ऊंचाई पर पहुंचाया था.