बॉलीवुड और साउथ सिनेमा के दो महान सितारे, रजनीकांत (rajnikant) और श्रीदेवी (shridevi), ने अपने करियर में कई फिल्मों में साथ काम किया. उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रजनीकांत के दिल में श्रीदेवी के लिए विशेष स्थान था. हालांकि, अंधविश्वास और कुछ अप्रत्याशित घटनाओं के कारण यह प्रेम कहानी अधूरी रह गई.
साथ काम करते हुए बढ़ी नजदीकियां
रजनीकांत और श्रीदेवी ने 'मूंद्रु मुदिचु', 'जॉनी', 'थानिकट्टु राजा' जैसी 19 फिल्मों में साथ काम किया. इन फिल्मों में काम करते हुए, रजनीकांत और श्रीदेवी के बीच गहरी दोस्ती और समझ विकसित हुई थी. रजनीकांत, जो श्रीदेवी से 13 वर्ष बड़े थे, उनके प्रति सुरक्षात्मक और स्नेहपूर्ण व्यवहार रखते थे.
रजनीकांत का अज्ञात प्रेम
समय के साथ, रजनीकांत ने महसूस किया कि वह श्रीदेवी से गहरा प्रेम करने लगे हैं. उन्होंने श्रीदेवी की मां से भी इस विषय में चर्चा की और श्रीदेवी के 16 वर्ष की होने पर विवाह का प्रस्ताव रखने की इच्छा जताई.
अंधविश्वास बना बाधा
एक दिन, रजनीकांत ने निर्देशक के. बालाचंदर के साथ मिलकर श्रीदेवी के घर जाकर अपने प्रेम का इजहार करने का निर्णय लिया. लेकिन जब वे गृह प्रवेश समारोह के दौरान उनके घर पहुंचे, अचानक बिजली चली गई और पूरा घर अंधकारमय हो गया. रजनीकांत, जो अंधविश्वासी माने जाते हैं, ने इसे अपशकुन समझा और बिना कुछ कहे वहां से लौट गए.
अधूरी रह गई प्रेम कहानी
इस घटना के बाद, रजनीकांत ने अपने प्रेम का इजहार नहीं किया और श्रीदेवी से उनकी दोस्ती बरकरार रखी. बाद में, श्रीदेवी ने फिल्म निर्माता बोनी कपूर (Boney Kapoor) से विवाह कर लिया, और रजनीकांत ने भी अपनी निजी जिंदगी में आगे बढ़ने का निर्णय लिया.
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रजनीकांत और श्रीदेवी की यह अनकही प्रेम कहानी दर्शाती है कि कैसे अंधविश्वास और अप्रत्याशित घटनाएं किसी के जीवन के निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं. दोनों महान कलाकारों की यह कहानी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में हमेशा एक विशेष स्थान रखेगी.