80 के दशक के वो सिंगर जिन्होंने अपनी गजलों और अपने गानों से लोगों के बीच अलग जगह बनाई थी. उनकी आवाज भले ही अब खामोश हो गई हो, लेकिन उनके फैंस की यादों में वो अब भी जिंदा हैं. पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को 72 साल की उम्र में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था. पंकज उधास उन गायकों में से थे, जिन्होंने गजल को सिनेमाई पर्दे पर मशहूर बनाने में अहम योगदान दिया. उनके कई गानें और गजल ऐसी हैं जिन्हें अब भी लोग बड़े चाव से सुनते हैं.
चिट्ठी आई है
उनका पहला गाना जो लोगों के दिलों को अब भी छू जाता है. फिल्म 'नाम' में उनका गाया गाना 'चिट्ठी आई है' जिसे लोग जब भी सुनते हैं उनकी मखमली आवाज में गुम हो जाते हैं. यह गाना इतनी खूबसूरती से गाया गया है कि इसे सुनते ही लोगों की आंखे नम हो जाती हैं. इस गाने के बोल सलीम खान ने लिखे थे.
चुपके-चुपके सखियों से वो
'चुपके चुपके सखियों से वो' गाने में जॉन अब्राहम थे. जो कि उस समय फिल्मों में नहीं आए थे. इस गाने में राजलक्ष्मी थीं और खुद पंकज उधास भी नजर आए थे. 90 के दशक में ये गाना युवाओं के बीच बेहद पॉपुलर हुआ था और आज भी इसकी लोकप्रियता बरकरार है.
चांदी जैसा रंग है तेरा
उनके बेहतरीन गानों में से एक 'चांदी जैसा रंग है तेरा' है. जब भी ये गाना बजता है, लोग खुद को इसे गुनगुनाने से रोक नहीं पाते. इस गाने को उन्होंने इनी मिठास से गाया है. यह गाना आज भी अगर कहीं भी बज जाए, तो लोग इसे सुनकर खुद को झूमने से नहीं रोक पाते है.
सुख दुख था एक सबका
'सुख दुख था एक सबका' गाने को जफर गोरखपुरी ने लिखा था. इस गाने को हर इंसान रिलेट कर सकता है. इस गाने में जिंदगी के उतार-चढ़ाव और परिवार की अहमियत को खूबसूरती से बताया गया है. पंकज उधास की मधुर आवाज़ ने इसे और भी खास बना दिया. यह गाना आज बी सुनते ही मन में गूजबंप्स आ जाते हैं.
ना कजरे की धार
अक्षय कुमार, रवीना टंडन और सुनील शेट्टी की फिल्म 'मोहरा' का गाना 'ना कजरे की धार' काफी सुपरहिट गाना है. यह गाना आज भी लोगों की पसंदीदा प्लेलिस्ट में शामिल रहता है. इस गाने को पंकज उधास की सुरीली आवाज इसे और भी खास बनाती है. ये गाना सुनते ही 90 के दशक की यादें ताजा हो जाती हैं.