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अभिनेता मुकेश खन्ना और डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह Photograph: (Social Media)
महाभारत के युद्ध की बात करें तो अर्जुन, भीम, कर्ण और कृष्ण जैसे नाम सबसे पहले याद आते हैं. लेकिन क्या आपने कभी 'सात्यकि' का नाम सुना है? अगर नहीं, तो अब वक्त है इस योद्धा को जानने का. हाल ही में इस पौराणिक चरित्र पर आधारित एक खास किताब 'सात्यकि: द्वापर का अजेय योद्धा' लॉन्च की गई है, जिसे लिखा है डायरेक्टर और लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह ने.
भीष्म पितामह यानी मुकेश खन्ना ने की अनबॉक्सिंग
मुकेश खन्ना, जो खुद महाभारत सीरियल में भीष्म पितामह का किरदार निभा चुके हैं, उन्होंने इस किताब की पहली प्रति को अनबॉक्स किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सात्यकि की कहानी को कभी उतनी तवज्जो नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी. किताब पढ़ते ही उन्हें ये किरदार और इसकी गहराई इतनी पसंद आई कि उन्होंने इसे पूरा पढ़ने की इच्छा जाहिर की.
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सात्यकि को लेकर क्या खास है ये किताब
इस किताब में सिर्फ द्वापर युग की घटनाएं नहीं, बल्कि त्रेता और सतयुग की झलकियां भी शामिल की गई हैं. लेखक ने भगवान कल्कि अवतार से जुड़ी भविष्यवाणियों को भी रोचक ढंग से पिरोया है. कुल 32 अध्यायों में विभाजित यह पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाओं को एक नए एंगल से पेश करती है.
ऑनलाइन और ऑडियोबुक भी उपलब्ध
इस किताब का डिजिटल वर्जन पहले ही अमेज़न और गूगल बुक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर आ चुका है. साथ ही इसका ऑडियोबुक वर्जन भी श्रोताओं के बीच पॉपुलर हो रहा है. लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह का कहना है कि आज की पीढ़ी को अगर भारतीय इतिहास की गहराई समझनी है, तो ऐसे किरदारों को जानना जरूरी है.
सात्यकि को लेकर क्यों है नई रुचि
आज जब स्क्रीन पर पौराणिक किरदारों को नए तरीके से पेश किया जा रहा है, तो सात्यकि जैसे किरदारों की वापसी स्वाभाविक है. मुकेश खन्ना जैसे अनुभवी अभिनेता का इसे सराहना देना इस बात की पुष्टि करता है कि ये सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक पुनरावृत्ति है.
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