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Thappad Movie Review: खुशहाल शादीशुदा जिंदगी को बर्बाद करता 'थप्पड़'

अमृता (तापसी पन्नू) और विक्रम (पावेल गुलाटी) शादीशुदा कपल हैं और परिवार के साथ अपर मिडिल क्लास जिंदगी जी रहे हैं

Updated on: 27 Feb 2020, 02:16 PM

नई दिल्ली:

Thappad Movie Review: बॉलीवुड की मल्टी टैलेंटेड एक्ट्रेस तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) की फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) का ट्रेलर रिलीज होते ही सुर्खियों में छा गया था. 'थप्पड़' (Thappad) के ट्रेलर में तापसी पन्नू के चेहरे पर पड़े जोरदार थप्पड़ ने लाखों महिलाओं को आवाज उठाने के लिए जगा दिया था. वहीं एक तरफ इसकी तुलना शाहिद कपूर की फिल्म 'कबीर सिंह' के थप्पड़ से होने लगी थी.

आपको बता दें कि अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन में बनी 'थप्पड़' की कहानी की खासियत उसके शांत लम्हों में है. फिल्म में तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) अमृता का किरदार निभा रही हैं जो हमारे-आपके घरों की किसी सामान्य गृहणी के जैसी ही है. जब अमृता अपने पति के बर्ताव को सहने से मना करती है, तो उसके फैसले पर कहा जाता है 'एक थप्पड़? एक थप्पड़ ही तो है.'

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कहानी

अमृता (तापसी पन्नू) और विक्रम (पावेल गुलाटी) शादीशुदा कपल हैं और परिवार के साथ अपर मिडिल क्लास जिंदगी जी रहे हैं. एक तरफ विक्रम (पावेल गुलाटी) करियर में आगे बढ़ने के सपने देखता है वहीं दूसरी तरफ गृहणी बनीं अमृता (तापसी पन्नू) का सिर्फ एक सपना होता है कि उसका पति जो भी सपना देखे वो पूरा हो जाए. अमृता (तापसी पन्नू) का एक रूटीन है जो वो रोज फॉलो करती है. अमृता सुबह उठती है, दूध लेने के लिए घर का दरवाजा खोलती है, अखबार उठाती है, चाय बनाती है, पति का अलार्म बंद करती है, उसे चाय देती है, अपनी सास का खयाल रखती है, चाय पीते वक्त थोड़ा समय अपने लिए निकालती है, फोन से फोटो खींचती है, पड़ोसी की तरफ देखकर मुस्कुराती है, पति के लिए लंच पैक करती है, पति जल्दी में घर से निकल रहा होता है तो उसकी तरफ दौड़ती है, उसका बटुआ, बैग, टिफिन उसे देती है और फिर चैन की सांस लेती है.

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ये सब वो खुशी-खुशी करती है लेकिन जब एक दिन एक पार्टी में विक्रम, अमृता पर हाथ उठा देता है. बस. यहीं से अमृता के दिलो-दिमाग का सुकून छिन जाता है. सास से लेकर उसकी अपनी मां तक सभी उसे यही समझाते हैं कि ऐसी बातें होती रहती हैं और उसे समझौता कर लेना चाहिए. इसके बाद अमृता एक नामी वकील नेत्रा के पास जाती है. नेत्रा भी उसे अपने पति के पास वापस लौट जाने की सलाह देती है. अब अमृता हर तरफ से आ रही इन सलाहों को अपनाएगी या अपने दिल की आवाज को सुनेगी, यही है फिल्म की पूरी कहानी.

अभिनय

फिल्म के खूबसूरत पलों में से एक है अपने पिता (कुमुद मिश्रा) के साथ तापसी का रिश्ता. कुमुद मिश्रा, फिल्म में अमृता (तापसी पन्नू) के पिता के किरदार में जंच रहे हैं. वहीं पावेल गुलाटी ने भी शानदार अभिनय किया है. बतौर सह कलाकार दिया मिर्जा, मानव कौल, तन्वी आज्मी, माया सराओ ने बेहतरीन अभिनय किया है.