'नूर' मूवी रिव्यू: सोनाक्षी सिन्हा जर्नलिस्ट की भूमिका में दिखीं बेनूर
फिल्म की गति बहुत धीमी है, जिससे कुछ देर बाद यह लंबी लगने लगती है। हालांकि फिल्म के गाने दर्शकों को पसंद आएंगे।
नई दिल्ली:
पाकिस्तानी लेखिका सबा इम्तियाज के उपन्यास 'कराची यू आर किलिंग मी' पर आधारित 'नूर' फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा अहम किरदार में हैं। 'अकीरा' फिल्म में एक्शन सीन्स करने के बाद 'नूर' फिल्म में वह एक जर्नलिस्ट बनी हैं।
फिल्म की कहानी शुरू होती है नूर रॉय चौधरी (सोनाक्षी सिन्हा) से, जो एक जर्नलिस्ट है। अपने पेशे में नूर को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वह जिस तरह की स्टोरीज करना चाहती है, उसे करने नहीं दी जा रही है।
वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ से खुश नहीं है। वहीं नूर अपनी पर्सनल से भी कुछ खास खुश नहीं है। वह सिंगल है, उसे अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार है।
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नूर जर्नलिस्ट के तौर पर अपनी एक खास पहचान बना सकती है, लेकिन धमकी, धोखा और दिल टूटने के बाद फिल्म की कहानी कई मोड़ आते हैं।
क्या नूर इन परेशानियों में खुद को संभाल पाएगी। इसके लिए आपका फिल्म को देखना जरूरी। फिल्म में सोनाक्षी का काम बेहतर है, लेकिन कहानी कमजोर होने के कारण कहीं न कहीं फिल्म बेअसर लग रही है।
फिल्म की गति बहुत धीमी है, जिससे कुछ देर बाद यह लंबी लगने लगती है। हालांकि फिल्म के गाने दर्शकों को पसंद आएंगे।
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फिल्म की मूल कहानी काफी समय बाद आती है, जिससे शायद दर्शकों को बोरियत महसूस होने लगे। लेकिन सोनाक्षी के फैंस को यह फिल्म काफी असरदार लगेगी।
फिल्म में वह अपने अभिनय से गुदगुदाती और इमोशनल करती हुईं नजर आ रही हैं। फिल्म में पूरब, कनन सहित अन्य कलाकारों ने बेहतरीन भूमिका निभाई है।
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