logo-image

फिल्म रिव्यू- बेहतरीन अभिनय और दमदार कहानी कहती है 'पार्च्ड'

पार्च्ड शब्द जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सूखा, शुष्क या झुलसा और इस फिल्म की स्टोरी चार औरतों की सूखी व झुलसी जिंदगी की यह कहानी कहती है।

Updated on: 23 Sep 2016, 02:23 PM

नई दिल्ली:

पार्च्ड शब्द जिसका हिन्दी में अर्थ होता है सूखा, शुष्क या झुलसा और इस फिल्म की स्टोरी चार औरतों की सूखी व झुलसी जिंदगी की यह कहानी कहती है। देश और दुनिया के फिल्म फेस्टिवल में तारीफे बटोर चुकी पार्च्ड आज भारत में रिलीज हुई है। पार्च्ड का निर्देशन अजय देवगन ने किया। 'शब्द'और 'तीन पत्ती' का निर्देशन कर चुकी लीना यादव की यह तीसरी फिल्म है। 

लीना अपनी तीसरी फिल्म में लीना ने शोषण के साथ साथ आज भी महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझे जाने वाले कॉन्सेप्ट को बहुत ही बोल्ड तरीके से प्रस्तुत किया है। 

कहानी

पार्च्ड की कहानी गुजरात के कच्छ के एक दूरदराज बसे एक छोटे से गांव से शुरू होती है। फिल्म इस गांव की चार महिलाओं पर केन्द्रित है। रानी (तनिष्ठा चटर्जी) की विधवा के रोल में हैं। रानी अब अपने बेटे की शादी कम उम्र की जानकी (लहर खान) से करती है। जानकी अभी स्कूल में पढ़ रही है, शादी का बाद जानकी का पति उसे मारता-पीटता है। रानी की एक सहेली लाजो (राधिका आप्टे) है, लाजो शादी के बाद मां नहीं बन सकी तो उसका शराबी पति उसे रोजाना बुरी तरह से पीटता है।

इसी गांव में चल रही एक नाटक मंडली में डांस करने वाली बिजली का किरदार सुरवीन चावला ने निभाया है। प्रधान समाज में कुचली जा रही इन चारों महिलाओं के इर्दगिर्द घूमती इस कहानी में इन चारों का मकसद पुरुषों की कैद से छुटकारा और उनसे मिलने वाली प्रताड़ना से आजादी हासिल करना है। फिल्म में वैश्यावृत्ति, बाल विवाह, रंग भेद जैसे मुद्दों को बखूबी उठाया गया है।

ऐक्टिंग

रानी के किरदार में तनिष्ठा चटर्जी ने अपने दमदार अभिनय से अपने किरदार को जीवंत कर दिया है। खूबसूरत बोल्ड बिंदास बिजली के रोल में सुरवीन चावला ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है, वहीं लाजो के रोल में बेशक राधिका आप्टे ने कई बेहद बोल्ड सेक्सी सीन्स किए लेकिन यह सीन उनके किरदार की पहली डिमांड थी। कम उम्र में शादी होने के रोल में लहर खान ने अपने किरदार में मेहनत की है।

क्यों देखें फिल्म -

अगर आप मसाला बॉलीवुड फिल्म से हट कर एक अच्छा सिनेमा देखना चाहते हैं। जिसमे कहानी के साथ बेहतरीन अभिनय, बेहतरीन निर्देशन, गंभीर मुद्दा और एक नई सोच मिले तो आप इस फिल्म को जरूर देखे।