संजय मिश्रा और रणवीर शौरी की फिल्म 'कड़वी हवा' 24 नवंबर को रिलीज हो गई। नीला माधव पांडा निर्देशित इस मूवी में जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) जैसे मुद्दे उठाने की कोशिश की गई है।
ये है फिल्म की कहानी
यह कहानी एक ऐसे गांव की है, जहां हवा का रुख हमेशा एक जैसा रहता है। फिर चाहे सर्दी हो या फिर गर्मी। यहां नेत्रहीन बुजुर्ग हेदू (संजय मिश्रा) बेटे मुकुंद (भूपेश सिंह), बहू पार्वती (तिलोत्मा सोम) और दो छोटी पोतियों के साथ रहते हैं। यह गांव पूरी तरह से बंजर है और गांव के किसान कर्ज लेकर खेती करते हैं, लेकिन फसल बर्बाद होने के कारण कई किसान अपनी जान भी दे देते हैं।
गुनू (रणवीर शौरी) जो उड़ीसा से विस्थापित होकर बुंदेलखंड स्थित इस गांव में आता है, उसे किसानों से कर्ज वसूली का काम सौंपा जाता है। इस दौरान उसकी मुलाकात हेदू से होती है और फिर आते हैं फिल्म में कई ट्विस्ट।
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एक्टिंग
सबसे शानदार अभिनय संजय मिश्रा ने किया है। एक नेत्रहीन शख्स कैसा महसूस करता है, उन्होंने बखूबी इसे दर्शाया है। रणवीर शौरी, भूपेश सिंह और तिलोत्मा सोम ने भी जबरदस्त काम किया है।
डायरेक्शन
डायरेक्टर नीला माधव पांडा ने ऐसे फ्रेम बनाए हैं, जो कहानी से पूरी तरह रिलेट करते हैं और बिल्कुल भी बनावटी नहीं लगते हैं। इनकी एक खासियत यह है कि वह फिल्मों के लिए रियल लोकेशंस को प्राथमिकता देते हैं। कुल मिलाकर लोकेशंस और कैमरा वर्क दोनों कमाल का है।
म्यूजिक
फिल्म का संगीत ठीक-ठाक है। खास बात है, अंत में गुलजार साहब के दिल को छू लेने वाले शब्द। इसके अलावा बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है, जो कहानी के साथ-साथ चलता है।
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Source : News Nation Bureau