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मिर्जिया रिव्यू: अगर मिर्जा-साहिबान की अधूरी कहानी को जानना चाहते हैं तो जरूर देखें मिर्जिया

'रंग दे बसंती' और 'भाग मिल्खा भाग' जैसी सुपर हिट वाले डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने आखिरकार बरसों से चली आ रही

Updated on: 07 Oct 2016, 03:53 PM

नई दिल्ली:

'रंग दे बसंती' और 'भाग मिल्खा भाग' जैसी सुपर हिट फिल्म देने वाले डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने आखिरकार बरसों से चली आ रही 'मिर्जा साहिबान' की कहानी को अपने हिसाब से पर्दे पर पेश करने की कोशिश है।

कहानी

राकेश ओमप्रकाश मेहरा की 'मिर्जिया' दो कहानियों को साथ लेकर चलती है। एक कहानी पंजाब की लोककथा मिर्जा-साहिबा की है। तो दूसरी कहानी आज के राजस्थान के आदिल-सूची की है। सदियों बाद भी प्रेम के प्रति परिवार और समाज का रवैया नहीं बदला है। फिल्म सदियों पहले मिर्जा(हर्षवर्द्धन) और साहिबां (सैयामी) के प्रेम के साथ शुरू होती है और जोधपुर में मुनीष (हर्षवर्द्धन) और सुचित्रा (सैयामी) तक पहुंचती है।

सुचि और मुनीष एक अपराध के बाद बिछड़ जाते है। जिसके बाद फिल्म में होती राजकुमार करन (करन चौधरी) की एंट्री है जो कि विलेन का किरदार में जान डालते हैं। फिल्म की दोनों ही कहानी में समानता तो है पर अंजाम और अलग अलग होता है।

एक्टिंग

जहां तक फिल्म में हर्षवर्धन और सैयामी खेर और बाकी कलाकारों के अभिनय की बात है तो इसे हर्षवर्धन कपूर का शानदार बॉलीवुड डेब्यू कहा जा सकता है। उन्होंने अपने कैरेक्टर में जान फूंक दी है।

अब बात करते हैं हर्ष के अपोजिट नजर आईं सैयामी की, सैयामी बेशक फिल्म में बहुत खूबसूरत लुक में नजर आई हैं। सैयामी इससे पहले साउथ इंडियन फिल्म में काम कर चुकी हैं इसलिए उनका तजुर्बा भी थोड़ा ज्यादा है।

डायरेक्शन

जिस तरह फिल्म के कई अनदेखी जगहों पर शूट किए जाने की बातें कही जा रही थी उस हिसाब से देखा जाए तो बैकग्राउंड और सिनेमेटोग्राफी गजब की है। राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने फिल्म में बेहतरीन डायरेक्शन किया है। फिल्म को एक आर्ट की तरह पेश किया है।

संगीत

गुलजार के लिखे हुए गीत और उस पर शंकर एहसान लॉय का संगीत, साथ ही साथ अलग अलग सिंगर्स की आवाज का अच्छा संगम किया गया है जो फिल्म में दिखाई पड़ता है। जो फिल्म को आगे बढ़ने में और भी मजबूती देता है।