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'जॉली एलएलबी 2' मूवी रिव्यू: अक्षय कुमार, हुमा कुरैशी की जबर्दस्त केमिस्ट्री ने किया कमाल

फिल्म में अक्षय कुमार के कलीग माथुर (अन्नू कपूर) काम में जॉली के लिए और परेशानियां बढ़ाते हुए नजर आते हैं।

Updated on: 10 Feb 2017, 01:47 PM

नई दिल्ली:

डायरेक्टर सुभाष कपूर की फिल्म 'जॉली एलएलबी 2' आखिरकार कई दांव पेंच के बाद रिलीज हो गई। 'जॉली एलएलबी 2' को अपने लिए बड़ी चुनौती मानने वाले अक्षय कुमार को खुद पर विश्वास था कि वह अपने प्रशसंकों की उम्मीदों पर खरे उतरने में कामयाब हो पाएंगे। 'जॉली एलएलबी' के पहले भाग में जगदीश त्यागी का किरदार अरशद वारसी ने निभाया था। इस बार इस किरदार को जगदीश मिश्रा उर्फ जॉली यानी अक्षय कुमार ने निभा रहे हैं।

'जॉली एलएलबी 2' फिल्म की कहानी शुरू होती है एक ऐसे किरदार से जो चालाक तो है, लेकिन कंन्फ्यूज भी है। उसके ज्यादातर हथकंडे उसके खिलाफ चले जाते हैं और वो एक बड़े ब्रेक की तलाश में नजर आता है। उसकी पत्नी पुष्पा (हुमा कुरैशी) अपनी ड्रिंक एंज्यॉय करते समय जॉली के दिमाग में काफी कुछ महत्वपूर्ण बातें भरने की कोशिश करती नजर आती हैं, लेकिन वो बदलाव के लिए राजी नहीं होता। उसका मानना है कि एक अच्छी जिंदगी केवल पैसों से ही आ सकती है। उसे हर वक्त पैसा ही पैसा दिखाई देता है।

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इस बार भी जज की भूमिका निभा रहे सौरभ शुक्ला का किरदार थोड़ा अलग है। फिल्म में अक्षय कुमार के कलीग माथुर (अन्नू कपूर) काम में जॉली के लिए और परेशानियां बढ़ाते हुए नजर आते हैं। हालांकि, चीजें उस समय एकदम अलग टर्न ले लेती हैं, जब जॉली कोर्ट में इकबाल कासिम (मानव कौल) के खिलाफ खड़ा हो जाता है।

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इसके बाद फिल्म में एक नाटकीय मोड़ आता है और फिल्म की कहानी पूरी तरह से बदल जाती है। फिल्म में अक्षय कुमार की कॉमिक टाइमिंग है। उनके डायलॉग, एक्टिंग काफी अच्छे हैं, लेकिन जब बात अरशद वारसी से उनके किरदार की तुलना की जाती है, तो वह कुछ मौकों पर कम पड़ते दिख रहे हैं। इन सबके बावजूद फिल्म दर्शकों को आखिर तक बांधे रखने में कामयाब होगी।