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Manoj Kumar Birth Anniversary: सिनेमा जगत के जाने माने एक्टर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने 4 अप्रैल 2025 को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली. वहीं ये बात तो सभी जानते हैं कि मनोज कुमार अपनी शानदार एक्टिंग के लिए जाने जाते जाते हैं, लेकिन उन्होंने एक्टिंग के साथ-साथ निर्देशक के तौर पर भी अपनी खास पहचान बनाई.
मनोज कुमार कितने बड़े देश प्रेमी थे, ये बात तो किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने देशभक्ति फिल्मों के जरिए लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई. मनोज कुमार के कई किस्से काफी मशहूर हैं, लेकिन इन्हीं में से एक किस्सा है, जब एक्टर अमृता प्रीतम से नाराज हो गए थे. आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
ठुकरा दिया था प्रस्ताव
दरअसल, साल 1975 में इमरजेंसी लागू होने के कुछ ही दिनों बाद भारत सरकार ने मनोज कुमार से संपर्क किया. वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने उन्हें इमरजेंसी के समर्थन में एक डॉक्यूमेंट्री बनाने का अनुरोध किया. इस फिल्म की पटकथा फेमस लेखिका अमृता प्रीतम ने लिखी थी. साथ ही स्क्रिप्ट भी मनोज कुमार को भेजी गई थी, लेकिन एक्टर ने तुरंत इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
शर्मिंदा हो गईं थी अमृता प्रीतम
इसके बाद, मनोज कुमार ने अमृता प्रीतम को फोन किया और उनसे सीधा सवाल पूछा, 'क्या एक लेखक के रूप में आपने खुद को बेच दिया है?' इसके बाद एक्टर की इस बात को सुनकर अमृता प्रीतम शर्मिंदा हो गईं. उन्होंने फौरन उनसे माफी मांगी और मनोज कुमार से कहा, स्क्रिप्ट को फाड़कर फेंक दें. इस घटना का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार रंजन दास गुप्ता ने अपने एक लेख में किया था.
इसके बाद सरकार ने उनकी फिल्म ‘दस नंबरी’ पर रोक लगा दी. ये मनोज कुमार के लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया.
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