Keerthy Suresh On 8 Hour Shift: संदीप रेड्डी वांगा की स्पिरिट और कल्कि 2898 एडी के सीक्वल से दीपिका पादुकोण के बाहर होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में वर्किंग आवर्स को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कई लोग दीपिका की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग को सही बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे अव्यावहारिक कह रहे हैं. इसी बीच एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश ने दीपिका की इस मांग को बिल्कुल सही बताया है.
हैदराबाद में अपनी फिल्म रिवॉल्वर रीटा के प्रमोशन के दौरान कीर्ति ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने करियर में बेहद कठिन शेड्यूल में काम किया है. कई बार वो सुबह 9 बजे से लेकर रात 2 बजे तक सेट पर रहती थीं. महनती की शूटिंग के समय वह एक साथ पांच और फिल्मों में भी काम कर रही थीं. कीर्ति का कहना है कि स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 8 घंटे की शिफ्ट आदर्श है.
कैसा होता है एक एक्टर का दिन?
कीर्ति सुरेश ने बताया कि एक एक्टर की दिनचर्या बाहर से जितनी आसान दिखती है, असल में होती नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'अगर शिफ्ट सुबह 9 बजे की है, तो उन्हें 7:30 बजे तक सेट पर पहुंचना होता है. इसके लिए सुबह 6:30 बजे घर से निकलना पड़ता है और 5:30 बजे उठना पड़ता है. शूट का पैकअप आमतौर पर शाम 6-6:30 बजे होता है, घर लौटते-लौटते रात के 8:15 बज जाते हैं. इसके बाद वर्कआउट, नहाना और डिनर करते-करते रात के 11 बज जाते हैं. सोने का समय 11:30 बजे और उठना फिर सुबह 5:30 बजे, यानी केवल 6 घंटे की नींद.
क्यों ठीक है 8 घंटे की शिफ्ट?
कीर्ति के अनुसार, 'हम कहते हैं कि 8 घंटे की नींद जरूरी है, लेकिन आदर्श 9–6 शिफ्ट में भी मुश्किल से 6 घंटे की नींद आती है. इससे ज्यादा घंटों की शिफ्ट का प्रभाव न सिर्फ एक्टर्स बल्कि टेक्नीशियंस पर भी पड़ता है. वो सेट पर हमसे पहले आते हैं और सबसे बाद में जाते हैं.' उन्होंने बताया, 'तमिल और तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में आमतौर पर 9–6 की शिफ्ट रहती है. मलयालम और हिंदी इंडस्ट्री में 12 घंटे काम करना आम बात है. मलयालम इंडस्ट्री में लगातार शेड्यूल चलते हैं, बिना ब्रेक के, जहां कई टेक्नीशियन जैसे लाइटमैन सिर्फ 2–3 घंटे ही सो पाते हैं.' कीर्ति का कहना है कि नींद भी उतनी ही जरूरी है जितना खाना या एक्सरसाइज, इसलिए 8 घंटे की शिफ्ट एक स्वस्थ और बेहतर विकल्प है.
ये भी पढ़ें: 'पता नहीं था आखिरी बार मिलूंगी', धर्मेंद्र के निधन से टूटी अर्चना पूरन सिंह, शेयर किया इमोशनल पोस्ट
दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट मांग पर कीर्ति सुरेश ने कही ये बात, एक्ट्रेस ने बताया कैसी होती है एक्टर की लाइफ
Keerthy Suresh On 8 Hour Shift: इस समय हर तरफ दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग को लेकर डिबेट चल रही है. ऐसे में अब इस पर कीर्ति सुरेश ने भी अपनी राय रखी है.
Keerthy Suresh On 8 Hour Shift: इस समय हर तरफ दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग को लेकर डिबेट चल रही है. ऐसे में अब इस पर कीर्ति सुरेश ने भी अपनी राय रखी है.
Keerthy Suresh On 8 Hour Shift
Keerthy Suresh On 8 Hour Shift: संदीप रेड्डी वांगा की स्पिरिट और कल्कि 2898 एडी के सीक्वल से दीपिका पादुकोण के बाहर होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में वर्किंग आवर्स को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कई लोग दीपिका की 8 घंटे की शिफ्ट की मांग को सही बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे अव्यावहारिक कह रहे हैं. इसी बीच एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश ने दीपिका की इस मांग को बिल्कुल सही बताया है.
हैदराबाद में अपनी फिल्म रिवॉल्वर रीटा के प्रमोशन के दौरान कीर्ति ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने करियर में बेहद कठिन शेड्यूल में काम किया है. कई बार वो सुबह 9 बजे से लेकर रात 2 बजे तक सेट पर रहती थीं. महनती की शूटिंग के समय वह एक साथ पांच और फिल्मों में भी काम कर रही थीं. कीर्ति का कहना है कि स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 8 घंटे की शिफ्ट आदर्श है.
कैसा होता है एक एक्टर का दिन?
कीर्ति सुरेश ने बताया कि एक एक्टर की दिनचर्या बाहर से जितनी आसान दिखती है, असल में होती नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'अगर शिफ्ट सुबह 9 बजे की है, तो उन्हें 7:30 बजे तक सेट पर पहुंचना होता है. इसके लिए सुबह 6:30 बजे घर से निकलना पड़ता है और 5:30 बजे उठना पड़ता है. शूट का पैकअप आमतौर पर शाम 6-6:30 बजे होता है, घर लौटते-लौटते रात के 8:15 बज जाते हैं. इसके बाद वर्कआउट, नहाना और डिनर करते-करते रात के 11 बज जाते हैं. सोने का समय 11:30 बजे और उठना फिर सुबह 5:30 बजे, यानी केवल 6 घंटे की नींद.
क्यों ठीक है 8 घंटे की शिफ्ट?
कीर्ति के अनुसार, 'हम कहते हैं कि 8 घंटे की नींद जरूरी है, लेकिन आदर्श 9–6 शिफ्ट में भी मुश्किल से 6 घंटे की नींद आती है. इससे ज्यादा घंटों की शिफ्ट का प्रभाव न सिर्फ एक्टर्स बल्कि टेक्नीशियंस पर भी पड़ता है. वो सेट पर हमसे पहले आते हैं और सबसे बाद में जाते हैं.' उन्होंने बताया, 'तमिल और तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में आमतौर पर 9–6 की शिफ्ट रहती है. मलयालम और हिंदी इंडस्ट्री में 12 घंटे काम करना आम बात है. मलयालम इंडस्ट्री में लगातार शेड्यूल चलते हैं, बिना ब्रेक के, जहां कई टेक्नीशियन जैसे लाइटमैन सिर्फ 2–3 घंटे ही सो पाते हैं.' कीर्ति का कहना है कि नींद भी उतनी ही जरूरी है जितना खाना या एक्सरसाइज, इसलिए 8 घंटे की शिफ्ट एक स्वस्थ और बेहतर विकल्प है.
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