फिल्म: कपकपी
डायरेक्टरः संगीथ सिवन
राइटरः कुमार प्रियदर्शी और सौरभ आनंद कास्टः तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े, सिद्धि इदनानी, जय ठक्कर, सोनिया राठी, अभिषेक कुमार, वरुण पांडे, धीरेंद्र तिवारी, मनमीत कौर
ड्यूरेशनः 138 मिनट
रेटिंग - 3
थिएटर्स हो या फिर OTT हॉरर कॉमेडी फिल्मों का बोलबाला है. ऐसी फ़िल्म लोग देखना पसंद कर रहे हैं. और इसी में कपकपी आज रिलीज़ हुई,जिसमें में भूतनी और ढेर सारा डराने-हँसाने वाला झमेला! संगीथ सिवन की इस फिल्म में थ्रिल, मस्ती और फ्रेंडशिप की उस अनकही केमिस्ट्री का धमाकेदार मेल है, जिसे देखना किसी थर्टीज़ के थक चुके इंसान के लिए एक एनर्जी बूस्टर जैसा है.
बेरोज़गार दोस्तों की कहानी
कहानी बेरोज़गार दोस्तों की है, जो एक ही किराए के घर में रहते हैं और रोज़ कोई न कोई नौटंकी ड्रामा करते हैं. इनमें मनु (श्रेयस तलपड़े) है जो खुद को हीरो समझता है, नान्कू है जो चाय बेचता है मगर दार्शनिक टाइप बातें करता है, और निरूप है जो बीटेक के बावजूद जॉबलेस है. इनके साथ हैं रिविन इकलौता सैलरी उठाने वाला बंदा जो इस गैंग को पूरा करता है. ये सब जब बोर होते हैं, तो रोमांच के नाम पर एक ऊइजा बोर्ड ले आते हैं, और फिर शुरू होता है असली ड्रामा.
हंसी बदलेगी डर में
और ये सब दोस्त मिलकर भूतनी को बुला बैठते हैं, शुरुआत में सब मज़ाक लगता है, लेकिन जब ग्लास अपने आप चलने लगता है और अजीबोगरीब सच सामने आने लगते हैं, तब हँसी धीरे-धीरे डर में बदलने लगती है. अब उनका घर एक तरह का भूतिया अड्डा बन जाता है, जहाँ डर और मस्ती साथ-साथ बैठते हैं.
नेचुरल कॉमेडी का तड़का
और फिर एंट्री होती है कबीर (तुषार कपूर) की, जो कुछ दिन वहीं रुकने आता है. कबीर के आने के बाद जो हंगामा मचता है, वो फिल्म की जान है. ये सब सबकुछ इतनी नेचुरल कॉमेडी के साथ आता है कि हँसी रोके नहीं रुकती. श्रेयस और तुषार की ट्यूनिंग, गोलमाल के दिनों की याद ताज़ा कर देती है. पहले भी काम कर चुके है तो वो वाइबस दिखती है.
फिल्म की फीमेल कास्ट
फिल्म की फीमेल कास्ट सिद्धि इदनानी और सोनिया राठी भी हैं, दोनों को भरपूर स्पेस मिला है अपनी कॉमिक टाइमिंग और टशन दिखाने का. खासकर सिद्धि, जिन्होंने द केरला स्टोरी जैसी गंभीर फिल्म में सीरियस रोल किया था, यहां बिलकुल अलग जोन दिख रही है. डायरेक्टर संगीथ सिवन का शूट हर सीन में उनका स्टाइल दिखेगा .फ़िल्म में कोई लॉजिक नहीं खोजना आपको, ये दोस्ती और मज़ेदार किस्से जैसे है. फिल्म के डायलॉग्स कुमार प्रियदर्शी और सौरभ आनंद द्वारा लिखे गए जो सिचुएशन के हिसाब से सटीक है.
कॉमेडी और हॉरर जोनर
कुल मिलाकर ये कह सकते है कॉमेडी और हॉरर जोनर में कपकपी उतरी है, दोस्तों के साथ ये फ़िल्म ज़्यादा एन्जॉय किया जा सकता है क्यों की फ़िल्म भी दोस्ती के इर्द गिर्द घूमती है. फिलहाल ये फ़िल्म उसी पिच पर बैटिंग कर रही है जो चल रहा है या हॉरर कॉमेडी.जनता का रिपोन्स जानने के लिए और फ़िल्म का कलेक्शन कितना जायेगा संडे तक इंतज़ार करना होगा.