अभिनेता बमन ईरानी एक जाना-पहचाना नाम है। 57 वर्षीय अभिनेता ने 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' और '3 इडियट्स' जैसी फिल्मों में अपनी शानदार अभिनय क्षमता से दर्शकों का दिल जीता है।
सफलता के मुकाम पर पहुंचने से पहले बमन ने संघर्ष का स्वाद भी बखूबी चखा है। उन्होंने मुंबई के ताज महल होटल में वेटर की नौकरी करने से लेकर, बीमा पॉलिसी बेचने और फोटोग्राफी का भी काम किया।
उनका मानना है कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव के बिना कामयाबी नहीं मिलती और इन्होंने इसका लुत्फ उठाया है। बमन जल्द ही जॉन अब्राहम के साथ फिल्म 'परमाणु' में नजर आने वाले हैं।
बमन ने फिल्म में अपने किरदार के बारे में पूछे जाने पर बताया, 'मैं एक ब्यूरोक्रेट का रोल निभा रहा हूं। यह जो ब्यूरोक्रेट है, वह फिर से पोखरण परमाणु परीक्षण को अंजाम देना चाहता है। चूंकि, वह वाजपेयी सरकार में ब्यूरोक्रेट रहा था, इसलिए वह इस विचार को फिर से मूर्त रूप देना चाहता है और वहां जो शुरुआत होती है..तो जॉन अब्राहम और उनकी टीम उसे करने निकलते हैं।'
फिल्म में जॉन के साथ काम करने के अनुभव के बारे में बमन ने कहा कि मैंने जॉन के साथ बहुत साल पहले 'लिटिल जिजु' नामक एक फिल्म की थी। फिर 'दोस्ताना' और 'दन दना दन गोल' में काम किया और चूंकि वह को-प्रोडयूसर हैं इस फिल्म में..तो उन्होंने ही मुझे फोन किया और जॉन बहुत फोकस्ड इंसान हैं। जो आइडियाज और जो रूट वह लेते हैं..उनका तरीका बहुत अच्छा है और एक दोस्ती है।
जब मैं फोटोग्राफर था और वह मॉडल थे, तब से उन्हें जानता हूं। वह हाफ ईरानी भी हैं। जॉन की मां ईरानी हैं, हमारी कम्युनिटी की ही हैं तो, हालांकि वह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं, लेकिन मैं उनके पूरे परिवार को जानता हूं।
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यह पूछे जाने पर कि जीवन में इतने संघर्ष के बाद वह अपने अब तक के सफर को किस रूप में देखते हैं? उन्होंने कहा कि देखिए कोई भी सफर बस सफर होना चाहिए, कभी-कभी लोग बोलते हैं कि हमें जल्द से जल्द कामयाब बनना है, मैं उन सब चीजों को मानता नहीं हूं। मैं मानता हूं कि उतार-चढ़ाव के बिना कामयाबी होती ही नहीं है।
मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक दिन कामयाब हो गए और फिर कुछ मेहनत नहीं की तो उस सफर का क्या फायदा ? मैंने उतार-चढ़ाव के इस सफर का लुत्फ उठाया है, मैंने चढ़ाव के बजाय उतार से ज्यादा सीखा है। चढ़ाव आनंद लेने के लिए और उतार सीखने के लिए होता है।'
बमन का मानना है कि संघर्ष सुधार लाता है। उन्होंने कहा, 'संघर्ष का मतलब आपको निराशा महसूस कराना नहीं, बल्कि आप में सुधार लाना है। संघर्ष का मतलब आपके दिल में कुछ करने की उमंग जागने से है। इसके बिना मुझे लगता है कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे सकते।'
फिल्मों में आने के बाद भी बमन शौकिया तौर पर फोटोग्राफी करते हैं।
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Source : IANS