Indian Cinema Unlucky Day: 26 जुलाई 1982, ये तारीख भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज है. जी हां, इस दिन फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान ऐसा हादसा हुआ, जिसने सिर्फ सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया. ये वो दिन था जब अमिताभ की जिंदगी अचानक थम सी गई थी, और उनकी हर सांस के लिए पूरा देश दुआ कर रहा था.
बिग बी को एक्टर ने मारा था जोरदार घूंसा
फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान एक एक्शन सीन में, अमिताभ बच्चन को-एक्टर पुनीत इस्सर ने बिग बी को एक ज़ोरदार घूंसा मारा, जिसके बाद अमिताभ टेबल से टकराकर गिर पड़े. ये सीन देखने में सामान्य था, लेकिन इसके नतीजे बेहद गंभीर साबित हुए. गिरने से उनकी आंतों में गहरी चोट आ गई. शुरू में ये दर्द मामूली समझा गया, लेकिन जब तीसरे दिन उनका दर्द असहनीय हो गया, तो मेडिकल जांच में सामने आया कि उनके डायाफ्राम के नीचे गैस लीक हो रही थी, जो काफी खतरनाक संकेत थे.
चार दिन तक मौत से संघर्ष
जब उनकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी, तो मशहूर सर्जन डॉ. एचएस भाटिया ने मामला अपने हाथ में लिया. उस समय अमिताभ को 102 डिग्री बुखार था और उनकी धड़कन 180 तक पहुंच गई थी. ऑपरेशन के दौरान पता चला कि उनकी आंतें फट चुकी थीं. मेडिकल भाषा में, ऐसी स्थिति में इंसान कुछ घंटों से ज्यादा नहीं बचता, लेकिन अमिताभ ने चार दिन तक उस पीड़ा को सहा.
वहीं ऑपरेशन के बाद उनकी हालत और बिगड़ गई. वो कोमा में चले गए और उनकी धड़कनें बंद होने लगीं. पूरी फिल्म इंडस्ट्री, मीडिया और आम लोग उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे. इसके साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी उन्हें देखने ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचीं.
'मैं क्लीनिकली डेड हो गया था'
वहीं इस हादसे के सालों बाद, अपने ब्लॉग में अमिताभ ने लिखा था, 'मैं कुछ मिनटों के लिए मेडिकल रूप से क्लीनिकल डेड हो गया था. लेकिन डॉ. वाडिया की हिम्मत और मेहनत ने मुझे वापस जिंदगी दी. उन्होंने कहा, 'मैं एक आखिरी रिस्क लेने जा रहा हूं' और उन्होंने मुझे लगभग 40 एम्प्यूल्स कॉर्टिसोन और एड्रेनालाईन के इंजेक्शन देने शुरू किए. ये एक चमत्कार था कि मेरी सांसें फिर लौट आईं.'
फिर की जिंदगी की नई शुरुआत
इस हादसे के बाद अमिताभ को दो महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा. दो बड़े ऑपरेशनों और लंबी रिकवरी के बाद वो धीरे-धीरे ठीक हुए. इस हादसे ने न केवल उनके शरीर पर निशान छोड़े, बल्कि उनके जीवन के प्रति नजरिया भी बदल दिया. उसके बाद अमिताभ ने अपने करियर में एक नई ऊर्जा के साथ वापसी की. देश ने उन्हें सिर्फ एक एक्टर के तौर पर नहीं, बल्कि एक योद्धा के रूप में देखा, जिसने मौत को मात दी.
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