बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने इस बार होली का त्योहार बेहद खास अंदाज में मनाया. उन्होंने ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ होली का पर्व मनाया. पीले रंग की सुंदर वेशभूषा में सजी हेमा मालिनी ने होली के पावन अवसर पर अपनी कला और संस्कार का सुंदर संगम प्रस्तुत किया.
Mathura से Puri तक भक्ति का रंग
हेमा मालिनी ने बताया कि वे मथुरा से पुरी आई हैं. उन्होंने कहा कि कल हमने मथुरा में होली मनाई और आज पुरी में इस त्योहार को मना रहे हैं. उन्होंने ओडिशा सरकार, वहां की जनता और केंद्रीय मंत्री संबित पात्रा को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने लोगों से अपील की कि होली को भक्ति भाव से मनाएं और ‘फूलों की होली’ खेलें क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण का त्योहार है.
भुवनेश्वर में रंगारंग प्रस्तुति से लूटी महफिल
पुरी दौरे के दौरान हेमा मालिनी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित वृंदावन महोत्सव में अपनी खूबसूरत नृत्य प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने ओडिशी और कथक नृत्य की अद्भुत जुगलबंदी से दर्शकों का दिल जीत लिया. यह आयोजन प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की देखरेख में हुआ जो ओडिशा में होली उत्सव का मुख्य आकर्षण बना.
जगन्नाथ का आशीर्वाद और विशेष सम्मान
हेमा मालिनी को सम्मान स्वरूप संबित पात्रा ने भगवान जगन्नाथ की चांदी की कलाकृति भेंट की. इस मौके पर हेमा मालिनी ने कहा कि ओडिशा से उनका पुराना संबंध है और उन्हें यहां आकर हमेशा सुखद अनुभूति होती है. उन्होंने कहा कि यहां की हरियाली और शांति उन्हें बहुत पसंद है.
गुरु रतिकांत मोहापात्र से भी मिला आमंत्रण
अपने दौरे के अंत में हेमा मालिनी ने यह भी बताया कि उन्हें श्री श्री यूनिवर्सिटी में प्रस्तुति देने के लिए गुरु रतिकांत मोहापात्र ने आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि वह उनके पुराने मित्र हैं और वह उनके पिता गुरु केलुचरण मोहापात्र से भी अच्छे संबंध रखती हैं.
इस तरह हेमा मालिनी की यह होली न सिर्फ रंगों की बल्कि भक्ति, संस्कृति और कला की अनोखी झलक बन गई.
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