तो इस वजह से वरुण-अनुष्का की फिल्म 'सुई धागा' में नहीं था नाच-गाना

22वें शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने जहां दर्शकों को दुनिया भर में बनने वाली कई तरह की फिल्मों से अवगत कराया

author-image
Vivek Kumar
एडिट
New Update
तो इस वजह से वरुण-अनुष्का की फिल्म 'सुई धागा' में नहीं था नाच-गाना

सुई धागा (ट्विटर)

इन दिनों शांगहाई में चल रहे 22वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दर्शकों को कई देशों की फिल्में अलग-अलग सिनेमा हॉल में दिखाई जा रही हैं. इन्हीं में एक सिनेमा हॉल में भारत की सुपर हिट हिन्दी फिल्म 'सुई धागा' दिखाई गई. पूरा हॉल चीनी दर्शकों से भरा हुआ था, और दर्शकों ने इस फिल्म का पूरा आनंद उठाया. फिल्म खत्म होने के बाद फिल्म के निर्देशक शरत कटारिया ने चीनी दर्शकों के सवालों के जवाब दिए. दर्शकों के सवाल ये बताने के लिए काफी थे कि भारतीय फिल्में क्यों चीन में भी लोगों को बहुत पसंद आ रही हैं. आम तौर पर दुनिया भर में भारतीय फिल्में अपने नाच-गानों के लिए जानी जाती हैं.

Advertisment

एक दर्शक के सवाल के जवाब में शरत ने बताया, "मेरी फिल्म में नाच-गाना इसलिए नहीं था क्योंकि ये कहानी की मांग नहीं थी और अगर मैं इसमें नाच-गाना डालता तो कहानी भटक जाती. अगर कहानी की मांग होगी तो अगली फिल्म में मैं नाच-गाना जरूर डालूंगा, क्योंकि नाच-गाना मुझे खुद पसंद है."

ये भी पढ़ें: रवीना टंडन के बाद अब इस हीरोइन के साथ अक्षय कुमार टि‍प-टिप बरसाएंगे पानी

चीन में भारतीय फिल्मों को मिल रहे रिस्पॉन्स को लेकर शरत बहुत उत्साहित हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या वह भविष्य में चीन और भारत के बीच सह निर्माण वाली फिल्में निर्देशित करेंगे? उन्होंने सीआरआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि वह उसी कहानी को निर्देशित करना चाहेंगे, जिसे वह समझते हैं, क्योंकि तभी काम में निपुणता आती है.

शरत ने यह भी बताया कि समय के साथ दर्शकों की फिल्मों की पसंद बदलती जा रही है और उसी के चलते हम अलग तरह की फिल्में भी देख रहे हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि ऐसी फिल्में बनाने वाले निर्देशक पहले भी भारत में थे, जो मध्यम वर्ग से जुड़े विषयों पर फिल्में बनाते थे, जिनमें बासु भट्टाचार्य और ऋषिकेश मुखर्जी प्रमुख हैं.

ये भी पढ़ें: हो गया कन्फर्म अपने पापा शाहरुख के साथ इस फिल्म से डेब्यू करेंगे आर्यन

22वें शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने जहां दर्शकों को दुनिया भर में बनने वाली कई तरह की फिल्मों से अवगत कराया, वहीं दुनिया भर के देशों में होने वाले सांस्कृतिक मेलजोल को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सिनेमा उद्योग के बढ़ते आधारभूत ढांचे और तकनीक की मदद से आने वाले दिनों में दर्शकों की रुचि विभिन्न देशों की फिल्मों में और बढ़ने की संभावना है और इससे लोग दुनिया भर में बनने वाले सिनेमा की मदद से उन देशों के समाज, संस्कृति और आम लोगों के बारे में एक बेहतर समझ बना पाएंगे.

Source : IANS

shanghai film fest film sui dhaaga Anushka sharma Varun Dhawan sharat katariya
      
Advertisment