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अब अजय देवगन ने किया 'सिंघम 3' को लेकर खुलासा, अक्षय कुमार की इस फिल्म की ओर किया इशारा

अजय अपनी आने वाली फिल्म 'तानाजी : द अनसंग वारियर' के प्रमोशन में व्यस्त हैं. यह फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज की मराठा सेना में एक बहादुर सेनापति तानाजी मालुसरे के जीवन पर आधारित है.

Updated on: 04 Jan 2020, 01:49 PM

नई दिल्ली:

अजय देवगन के लोकप्रिय किरदार डीसीपी बाजीराव सिंघम की तीसरी फिल्म को लेकर उनके प्रशंसक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं उनके इंतजार को और भी मजेदार बनाने के लिए सुपरस्टार अजय ने फिल्म की रिलीज को लेकर एक संकेत दिया है. 'सिंघम 3' को लेकर पूछे गए सवाल पर अजय ने कहा, "हां, फिल्म बिल्कुल बनेगी, लेकिन हम पहले गोलमाल कर रहे हैं. उसके बाद शायद हम सिंघम करेंगे. जब आप सूर्यवंशी देखेंगे तब आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा. उस फिल्म में ही आपका जवाब छिपा है. यहां तक कि सूर्यवंशी में भी मैं हूं."

'सूर्यवंशी' रोहित शेट्टी की कॉप ड्रामा आधारित अगली फिल्म है, जिसमें प्रमुख किरदार अक्षय कुमार निभा रहे हैं. यह फिल्म मार्च में रिलीज होगी. ऐसे में दर्शकों को 'सिंघम 3' की जानकारी के लिए कुछ महीने और इंतजार करना पड़ेगा.

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फिलहाल अजय अपनी आने वाली फिल्म 'तानाजी : द अनसंग वारियर' के प्रमोशन में व्यस्त हैं. यह फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज की मराठा सेना में एक बहादुर सेनापति तानाजी मालुसरे के जीवन पर आधारित है. हालांकि इतिहास की किताबों में तानाजी के बारे में एक पैराग्राफ से अधिक जानकारी देखने को नहीं मिलती है और यही वजह है कि अजय देवगन ने उन पर फिल्म बनाने का फैसला किया.

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अभिनेता ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने अनसंग वारियर्स नामक सीरीज की शुरुआत की है. इसके जरिए वह हमारे राष्ट्र के अन्य बहादुर बेटों की कहानी सामने लाएंगे, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान दिया, लेकिन इतिहास के पन्नों में उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है.

इस बारे में अजय ने कहा, "यह पूरा आइडिया कुछ ऐसा है, जिसकी वजह से हमने इस सीरीज का नाम अनसंग वारियर्स रखा है. जैसे कि तानाजी, सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित हैं, लेकिन वह पूरे देश के लिए लड़े थे. ऐसे ही कुछ बहादुर पंजाब, बंगाल और राजस्थान में और देश के अन्य हिस्सों में हैं, जिन्होंने अपना बलिदान दिया, लेकिन वे सिर्फ अपने राज्यों तक सीमित रह गए. ऐसी कई महान कहानियां हैं, जिन्हें सबके सामने लाना आवश्यक है. यह विचार ऐसे बेटों की कहानियों को बाहर लाने और पूरे भारत को उनके बारे में बताने को लेकर है, क्योंकि उन्होंने पूरे देश के लिए बलिदान दिया है और न कि सिर्फ अपने राज्य के लिए."