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इस अभिनेत्री ने कहा, महिलाओं को घूमने-फिरने के लिए पुरुषों की इजाजत की जरूरत नहीं

महिलाओं को जरूर प्रोटेक्ट करना चाहिए और अकेले सफर नहीं करने देना चाहिए

Updated on: 13 Mar 2019, 02:02 PM

मुंबई:

अभिनेत्री व निर्माता दीया मिर्जा (Diya Mirza) ने पितृसत्तात्मक मानसिकता में बदलाव देखा है और इसे वह सशक्तिकरण मानती हैं. वर्ष 2000 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता जीतने के बाद दीया ने पहली बार फ्लाइट पकड़ी और अपनी सहेलियों में से एक के साथ थाईलैंड घूमने गईं. यह पूछे जाने पर कि वह अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं के प्रति समाज के रुख में क्या बदलाव देखती हैं तो उन्होंने मीडिया से कहा, 'दुनिया को जानने व घूमने-फिरने के लिए एक लड़की को किसी पुरुष या समाज से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. उसे बस अपनी इजाजत की जरूरत है. मुझे लगता है कि यह सशक्तीकरण है.'

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उन्होंने कहा कि पितृसत्तात्मक समाज की ऐसी मानसिकता रही है कि महिलाओं को जरूर प्रोटेक्ट करना चाहिए और अकेले सफर नहीं करने देना चाहिए, लेकिन अब समाज में बदलाव देखने को मिला है जो महिलाओं को अकेले सफर करने के उनके फैसले को तरजीह देता है.

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फिल्म 'रहना है तेरे दिल में' की अभिनेत्री ने हाल ही में एयरबीएनबी कंपनी के 'शी ट्रैवल्स शी होस्ट्स' कैम्पेन का समर्थन किया.