पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान ने पहलगाम हमले को लेकर कही ये बात, क्या अब बॉलीवुड में दोबारा लगेगा पाक कलाकारों पर बैन?
फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की घोषणा के साथ ही भारत में एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन की बहस शुरू हो गई है. पहलगाम हमले के बाद विरोध और तेज हो गया है. जानिए पूरा मामला
फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की घोषणा के साथ ही भारत में एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन की बहस शुरू हो गई है. पहलगाम हमले के बाद विरोध और तेज हो गया है. जानिए पूरा मामला
लंबे समय बाद पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की बॉलीवुड में वापसी हो रही है लेकिन ये कमबैक सुर्खियों में उनकी फिल्म से ज्यादा राजनीतिक और सामाजिक बहस की वजह से है. फिल्म 'अबीर गुलाल' की रिलीज से पहले ही इसे लेकर बवाल मच गया है और सवाल फिर वही खड़े हो गए हैं – क्या भारत में पाक कलाकारों को फिर से काम करने देना चाहिए?
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पहलगाम हमले ने बदल दिया माहौल
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में 26 लोग मारे गए. इस हमले ने देश को झकझोर दिया. ऐसे में जब सोशल मीडिया पर फवाद खान की फिल्म की चर्चा शुरू हुई, लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं. कहा गया कि जब पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद फैल रहा है, तब भारत में पाकिस्तानी कलाकारों का स्वागत नहीं होना चाहिए.
फवाद की पोस्ट से भी नहीं बुझा गुस्सा
फवाद खान की इंस्टाग्राम स्टोरी का स्क्रीनशॉट Photograph: (Social Media)
फवाद खान ने हमले के बाद इंस्टा स्टोरी में दुख जताया और लिखा कि पीड़ितों के लिए दुआ कर रहे हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का कहना है कि सिर्फ पोस्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता. सवाल सिर्फ एक फिल्म का नहीं, बल्कि उस सोच का है जो बार-बार भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है.
‘ऐ दिल है मुश्किल’ से ‘अबीर गुलाल’ तक
यह पहला मौका नहीं है जब फवाद खान को लेकर विवाद खड़ा हुआ है. उरी हमले के समय भी उनकी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को विरोध झेलना पड़ा था. तब इंडस्ट्री ने मजबूरी में फिल्म रिलीज की. अब सालों बाद जब उन्होंने ‘अबीर गुलाल’ के जरिए वापसी की घोषणा की, तो माहौल फिर से वैसा ही हो गया.
फिल्म इंडस्ट्री दो हिस्सों में बंटी
बॉलीवुड खुद इस मुद्दे पर बंट गया है. कुछ कलाकार और निर्माता मानते हैं कि आर्ट और आतंक को अलग रखना चाहिए, जबकि कुछ का कहना है कि जब सीमा पर सैनिक मर रहे हों, तब फिल्मों में पाक कलाकारों की एंट्री जायज नहीं है.
क्या सरकार लेगी कोई फैसला?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या सरकार या सेंसर बोर्ड इस मामले में कोई निर्णय लेगा? क्या एक बार फिर पाक कलाकारों पर बैन लगेगा या फिल्म रिलीज होकर माहौल शांत हो जाएगा?
फिलहाल ‘अबीर गुलाल’ 9 मई को रिलीज होनी है लेकिन उससे पहले ही ये फिल्म बहस का मुद्दा बन चुकी है.