Kubera Movie Review
फिल्म रिव्यू: 'कुबेरा'
स्टार कास्ट: धनुष, नागार्जुन अक्किनेनी, रश्मिका मंदाना और जिम सर्भ
निर्देशक: सेक्खर कम्मुला
भाषा: तमिल (हिंदी डब में भी उपलब्ध)
रेटिंग: (4/5)
साउथ के सुपरस्टार धनुष की फिल्म 'कुबेरा' का फैंस बेसब्री से इंतजार था, जो अब खत्म हो चुका है. जी हां, फिल्म 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में साउथ के दमदार एक्टर नागार्जुन भी मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं. वहीं फिल्म को दर्शकों से मिले-जुले रिव्यू मिल रहे हैं. तो चलिए अब हम आपको बिना देरी किए फिल्म के बारे में सब कुछ डिटेल में बताते हैं.
कहानी
ये फिल्म समाज की उस कड़वी सच्चाई को पर्दे पर उतारती है, जहां कुछ अमीर और पॉवरफुल लोग गरीबों को अपनी कठपुतली बनाकर उनका इस्तेमाल करते हैं. ये लोग अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए गरीब किरदारों के नाम का सहारा लेते हैं. वहीं ना चाहते हुए भी देवा (धनुष) नाम का एक ईमानदार भिखारी इस आपराधिक मकड़जाल में फंसता चला जाता है. अपराध और सत्ता के बीच वह अकेला नहीं है. रश्मिका मंदाना का किरदार भी उसके साथ इस धोखे और साज़िश के जाल में फंस जाती है. जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह धन, नैतिकता और सत्ता के बीच के टकराव को गहराई से दिखाती है. फिल्म का नाम 'कुबेरा' भले ही धन के देवता से प्रेरित हो, लेकिन इसकी आत्मा एक आम इंसान की असामान्य यात्रा में बसी है
एक्टिंग
धनुष, एक बार फिर साबित करते हैं कि वह क्यों ‘परफॉर्मेंस पावरहाउस’ माने जाते हैं. उनका इमोशनल ग्राफ, संघर्ष से लेकर उग्रता तक, बखूबी उभरकर सामने आता है. धनुष हमेशा की तरह इस फिल्म में भी अपने अभिनय से छा जाते हैं. उनका किरदार बेहद गहराई और भावनाओं से भरा हुआ है. चाहे वो उनकी आंखों का दर्द हो या संघर्ष की झलक, हर सीन में वह दर्शकों को बांधे रखते हैं.
रश्मिका मंदाना, फिल्म में थोड़े सीमित स्पेस में नजर आती हैं, लेकिन अपनी उपस्थिति से असर छोड़ती हैं. समीरा नाम के कैरेक्टर में नजर आईं रश्मिका इंप्रेसिव लगी हैं. वहीं सह कलाकारों का अभिनय भी कहानी को मजबूती देता है.
नागार्जुन, एक ग्रे कैरेक्टर में उन्होंने न स़िर्फ क्लास दिखाया, बल्कि उनकी ऑनस्क्रीन प्रेज़ेंस से हर सीन दमदार बन पड़ा. उनका किरदार दर्शकों के सोचने के नजरिए को चुनौती देता है. जिम सर्भ ने भी अच्छा काम किया है.
डायरेक्शन
शेखर कम्मुला का डायरेक्शन फिल्म की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है. उन्होंने कहानी को सधा हुआ और प्रभावशाली रूप में पेश किया है. मूवी में सोशल मैसेज, इमोशन और थ्रिल को बेहतरीन तरीके से बैलेंस किया गया है. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूज़िक भी तारीफ के काबिल हैं, जो कहानी के मूड को और भी गहराई देता है.
फाइनल वर्डिक्ट
'कुबेरा' एक दमदार कहानी है उम्मीद, संघर्ष और किस्मत के खेल की. धनुष के फैंस के लिए यह फिल्म एक ट्रीट है, और बाकी दर्शकों के लिए एक सोचने पर मजबूर करने वाला सिनेमा अनुभव.
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