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2 बार चूकने के बाद Will Smith ने अपने नाम किया Oscar Award, स्टेज पर हुए भावुक

ऑस्कर अकादमी अवॉर्ड (Oscar Acadmey Awards 2022) फिल्म जगत का बड़ा अवॉर्ड माना जाता है. 94वां अकादमी अवॉर्ड (94th Oscar Awards) में विल स्मिथ (Will Smith) का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में बना हुआ है, जिन्होंने बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है.

Updated on: 28 Mar 2022, 01:05 PM

नई दिल्ली:

ऑस्कर अकादमी अवॉर्ड (Oscar Acadmey Awards 2022) फिल्म जगत का बड़ा अवॉर्ड माना जाता है. फिल्म इंडस्ट्री के एक्टर्स, डायरेक्टर्स, प्रोड्युसर्स और अन्य क्रू मेंबर्स की जिंदगी में ऑस्कर अवॉर्ड की काफी अहमियत होती है. गौरतलब है कि कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से इस अवॉर्ड फंक्शन का आयोजन नहीं हो पा रहा था. ऐसे में लोगों को इसका काफी समय से इंतजार था. जिसके बाद अब आखिरकार कैलिफॉर्निया स्थित लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर (Dolby Theater) में इसका आयोजन किया गया है. बता दें कि ये 94वां अकादमी अवॉर्ड (94th Oscar Acadmey Awards) है. जिसमें एक नाम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. हर कोई उनकी सराहना कर रहा है. वो शख्स कोई और नहीं, बल्कि विल स्मिथ (Will Smith) हैं. जिनके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं. 

बता दें कि विल स्मिथ (Will Smith Oscar Awards) को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला है. उन्हें ये अवॉर्ड उनकी फिल्म 'किंग रीचर्ड' (King Richard) में उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए मिला है. जिसके लिए उन्होंने मंच पर अपनी पूरी टीम का शुक्रिया अदा किया. इस दौरान विल काफी भावुक दिखे. साथ ही उन्होंने अवॉर्ड लेते समय क्रिस रॉक (Chris Rock) को मुक्का मारने के लिए उनसे माफी भी मांगी. आपको बता दें कि ये विल स्मिथ का पहला ऑस्कर अवॉर्ड है. ऐसे में उनके लिए ये सम्मान पाना काफी अहम हो जाता है. लेकिन इससे पहले एक्टर (Will Smith Nominated) 2002 में उनकी फिल्म 'अली' (Ali) और 2002 में 'द परसुइट ऑफ हैप्पीनेस' (The Pursuit of Happiness) में बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट जरूर हुए थे. लेकिन उस दौरान वो अवॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाए.

गौरतलब है कि इस बार किसी भारतीय फीचर फिल्म (Indian Feature Film) को ऑस्कर में जगह नहीं मिली. हालांकि, भारतीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'राइटिंग विद फीयर' (Writing With Fire) बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म (Best Documentary Feature Film) में शामिल है. ये फिल्म पुरुषों के वर्चस्व वाले समाज में दलित महिलाओं द्वारा संचालित भारत के एकमात्र समाचार पत्र के उभरने पर आधारित है. जिसमें उनकी मुख्य रिपोर्टर मीरा और उनके पत्रकार परंपराओं को तोड़ते हुए उनके शक्तिशाली होने के अर्थ को परिभाषित करते हैं. बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म की दौड़ में शामिल होने के चलते ये फिल्म अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.