पुलिस की नौकरी छोड़कर स्टार बनने वाले Raj kumar क्यों चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार गुमनामी में हो?

राजकुमार वो जाना-माना नाम हैं, जिनके डायलॉग्स पर तालियों की गड़गड़ाहट सिनेमाघरों में गूंजने लगती थी. आज भी लोग उन्हें बहुत याद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजकुमार के अंतिम संस्कार में कोई बॉलीवुड सेलेब शामिल नहीं हुआ था.

राजकुमार वो जाना-माना नाम हैं, जिनके डायलॉग्स पर तालियों की गड़गड़ाहट सिनेमाघरों में गूंजने लगती थी. आज भी लोग उन्हें बहुत याद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजकुमार के अंतिम संस्कार में कोई बॉलीवुड सेलेब शामिल नहीं हुआ था.

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Pallavi Tripathi
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अपने अंतिम संस्कार को लेकर राजकुमार की थी ये इच्छा( Photo Credit : @rajkumarfans7 Instagram)

जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते...आपको ये डायलॉग पढ़कर याद तो आ ही गया होगा कि ये किस सुपरस्टार के बोल हैं. अगर नहीं याद आया तो आपको बता दें कि ये डायलॉग मशहूर एक्टर राजकुमार (Raj Kumar) का है. जिनके डायलॉग्स पर तालियों की गड़गड़ाहट सिनेमाघरों में गूंजने लगती थी. आज भले ही वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता आज भी उतनी ही है. जैसा कि आप जानते हैं कि कोई भी स्टार जब इस दुनिया से जाता है, तो उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का मजमा लग जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजकुमार के अंतिम संस्कार में कोई बॉलीवुड सेलेब शामिल नहीं हुआ था. इसकी वजह थी एक्टर की इच्छा. साथ ही उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई थी.

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इस कहानी को शुरुआत से समझते हैं. सन् 1926 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जन्मा एक लड़का स्नातक की पढ़ाई के बाद अपने सपने पूरे करने मुंबई आ गया और माहिम थाने में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात हो गया. ये लड़का कोई और नहीं बल्कि राज कुमार (Raj Kumar) थे, जो सब-इंस्पेक्टर बन तो गए थे लेकिन आंखों में सपने थे एक कलाकार बनने के. जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने पैशन को फॉलो करना शुरू किया. फिल्मों में उनकी डायलॉग डिलिवरी और उनकी जिंदा दिली दर्शकों को इस कदर पसंद आई कि लोगों ने उन्हें अपने दिलों में बसा लिया. 

फिर फिल्म इंडस्ट्री में स्टार बनने के बाद राज कुमार (Raj Kumar) एक फिल्म कर रहे थे, जिसका नाम था 'मरते दम तक'. जहां एक्टर को उनकी मौत का सीन फिल्माना था. जिसके लिए एक गाड़ी तैयार हुई और एक्टर उसमें लेट गए. जिसके बाद उन्हें एक लाश की तरह सजाकर श्मशान यात्रा निकाली गई. इस दौरान जब फिल्म के निर्देशक मेहुल कुमार ने उन्हें हार पहनाया तो राजकुमार ने कहा कि जानी अभी तो पहना लो हार, जब जाएंगे तो आप भी इस बात से अंजान होंगे कि हम कब गए. एक्टर की ये बात उस समय तो टल गई. लेकिन फिर शूटिंग खत्म होने पर मेहुल ने जब उनसे पूछा कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा. जिस पर राज कुमार (Raj Kumar) कहते हैं, जानी तुमको मालूम नहीं, श्मशान यात्रा को लोग तमाशा बना देते हैं. सब साफ-सुथरे सफेद कपड़े पहनकर आते हैं. मीडिया वाले भी पहुंचते हैं और मर चुके इंसान को सम्मान देने की जगह उनका मजाक बनाते हैं. साथ ही श्मशान यात्रा निकालकर तमाशा भी बनाया जाता है. जिसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी मौत उनका पारिवारिक मामला है. ऐसे में उनके अंतिम संस्कार में परिवारवालों के अलावा कोई भी नहीं होगा. बता दें कि इन सब बातों का खुलासा मेहुल ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया था.

गौरतलब है कि राज कुमार (Raj Kumar) ने जैसा कहा, ठीक वैसा ही हुआ. जब एक्टर इस दुनिया को अलविदा कह गए तो उनकी श्मशान यात्रा नहीं निकाली गई. यहां तक कि लोगों को ये तक नहीं पता चला कि उनका अंतिम संस्कार कहां हुआ. इस दौरान उनके परिवार के अलावा बॉलीवुड का कोई सेलेब शामिल नहीं हुआ. 

Source : News Nation Bureau

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