समलैंगिक अधिकारों पर बननी चाहिए फिल्में : आयुष्मान खुराना

आयुष्मान फिलहाल अपनी चार फिल्मों को पर्दे पर लाने की तैयारी में जुटे हैं. इनमें 'ड्रीम गर्ल', 'बाला', 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' शामिल हैं.

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Vivek Kumar
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समलैंगिक अधिकारों पर बननी चाहिए फिल्में : आयुष्मान खुराना

'विक्की डोनर' में एक साहसी शुक्राणु दाता से लेकर 'शुभ मंगल सावधान' में गुप्त रोग से पीड़ित व्यक्ति और 'अंधाधुन' में एक अंधे संगीतकार से लेकर 'आर्टिकल 15' में एक आदर्श पुलिस अफसर के किरदान निभाकर आयुष्मान खुराना ने एक अभिनेता के तौर पर अपनी प्रतिभा व सीमाओं को साबित किया है.

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अब वह खुद को एक अलग स्तर पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह आगामी फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में एक समलैंगिक व्यक्ति के किरदार से दर्शकों को प्रभावित करने की तैयारी में हैं. अभिनेता का कहना है कि समलैंगिक अधिकारों पर बनीं मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्में काफी महत्वपूर्ण हैं.

आयुष्मान फिलहाल अपनी चार फिल्मों को पर्दे पर लाने की तैयारी में जुटे हैं. इनमें 'ड्रीम गर्ल', 'बाला', 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' शामिल हैं.

आयुष्मान ने आईएएनएस को बताया, "मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्मों में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' काफी महत्वपूर्ण हैं. व्यावसायिक क्षेत्रों में समलैंगिक अधिकारों पर आधारिक फिल्में बनाना महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस तरह आप परिवर्तित होने का प्रचार नहीं कर रहे हैं."

इसके साथ ही अभिनेता ने यह भी कहा, "आप उन लोगों की बात कर रहे हैं जो समलैंगिकों के लिए पक्षपाती हैं. हमें लगभग हर व्यक्ति तक पहुंचना है. उन्हें यह फिल्म देखने की जरूरत है और यह भी समझने की जरूरत है कि समलैंगिकों को उनका अधिकार देना चाहिए."

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