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बॉलीवुड छोड़ संन्यासी बन गए थे विनोद खन्ना, ओशो के आश्रम में साफ करते थे टॉयलेट

विनोद खन्ना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक पार्टी में उनकी सुनील दत्त से मुलाकात हुई थी. उन्हें एक फिल्म के लिए एक नए एक्टर की तलाश थी. उन्होंने ही विनोद खन्ना को रोल ऑफर किया था.

Updated on: 06 Oct 2019, 11:08 AM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर विनोद खन्ना का 6 अक्टूबर को जन्मदिन है. 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में जन्में विनोद खन्ना की रियल लाइफ स्टोरी कई पड़ावों से होकर गुजरी. ऐसा भी कहा जाता है कि अगर विनोद खन्ना ने बॉलीवुड नहीं छोड़ी होती तो वह बॉलीवुड के महानायक होते.

विनोद खन्ना की स्कूली पढ़ाई दिल्ली और मुंबई में हुई. वे साइंस के स्टूडेंट थे और इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद वो घर के बिजनेस में लग गए. अगर निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो विनोद खन्ना की लव स्टोरी कॉलेज में शुरू हुई. गीतांजलि से उनकी पहली मुलाकात वहीं पर हुई थी और वो उनकी पहली पत्नी भी बनीं. लेकिन कुछ वक्त बाद दोनों का तलाक हो गया.

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विनोद खन्ना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक पार्टी में उनकी सुनील दत्त से मुलाकात हुई थी. उन्हें एक फिल्म के लिए एक नए एक्टर की तलाश थी. उन्होंने ही विनोद खन्ना को रोल ऑफर किया था. 'मन का मीत' फिल्म में काम करने के बाद विनोद ने एक हफ्ते में करीब 15 फिल्में साइन कीं. हालांकि, ओशो से प्रभावित होकर उनकी पूरी फैमिली और करियर तबाह हो गया.

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साल 1975 में उन्होंने फिल्मों से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. बताया जाता है कि विनोद अमेरिका में ओशो के माली बनकर रहे थे. इतना ही नहीं टॉयलेट तक साफ किया. फिल्मी करियर दोबारा शुरू करने के बाद उन्होंने दूसरी शादी की और राजनीति में कदम रखा. वह पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा सीट से चार बार सांसद चुने गए और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन और विदेश राज्य मंत्री भी रहे. 7 अप्रैल 2017 को कैंसर की वजह से विनोद खन्ना का निधन हो गया.