Advertisment

सिर्फ 25 करोड़ में बनी थी विक्की कौशल की 'उरी', जानिए फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट

फिल्म में विक्की कौशल और यामी गौतम लीड रोल में थे

author-image
Vivek Kumar
एडिट
New Update
सिर्फ 25 करोड़ में बनी थी विक्की कौशल की 'उरी', जानिए फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट
Advertisment

फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' की शूटिंग के लिए फिल्म निर्मताओं की खोज कश्मीर के विकल्प के रूप में सर्बिया जाकर खत्म हुई. निर्माताओं की असल खोज फिल्म में स्पेशल फोर्स के पास दिखाए जाने वाले हथियार को लेकर शुरू हुई थी. यह तलाश उन्हें कश्मीर की घाटियों से सर्बिया तक ले आई.

फिल्म के निर्देशक आदित्य धर ने पहले कहा था, "मुझे कश्मीर के बाहर कश्मीर, सर्बिया से बेहतर नहीं मिल सकता था." यूरोप का यह दक्षिणपूर्वी देश अब भारतीय फिल्मों के एक बड़े हब के रूप में सामने आ रहा है. और, इसकी वजह यहां फिल्म की शूटिंग के लिए मिलने वाली सहूलियतें हैं, जैसे भारतीय 30 दिन बिना वीजा के यहां रुक सकते हैं और 25 फीसदी का कैश रिबेट. लेकिन, आदित्य का सर्बिया में फिल्म टीम को ले जाने का कारण इससे कहीं अधिक था.

उन्होंने कहा, "जिस तरह के उपकरण हम फिल्म के लिए तलाश रहे थे जैसे बंदूक, नाइट विजन गोगेल्स, हेलमेट..यह सभी वस्तुएं 'स्पेशल फोर्स' के पास होती हैं और हम पूरी तरह से वह सभी चीजें दिखाना चाहते थे जो इन सुरक्षा बलों के अफसरों के पास होती हैं. भारत में इन सबका मिलना मुश्किल था. यह सब वस्तुएं आपको यूरोप और अमेरिका में मिल जाती हैं."

उन्होंने कहा कि उनके सर्बिया जाने का मुख्य कारण यह था कि इन सभी उपकरणों को भारत लाने में करीब एक से दो साल का वक्त लग सकता था. चूंकि फिल्म को समय से पूरा करना था इसलिए वह इसका जोखिम नहीं ले सकते थे. इसीलिए सर्बिया जाने का फैसला लिया गया.

दूसरे कारण के बारे में उन्होंने कहा, "दूसरी वजह यह थी कि बताया वह था वहां की भौगोलिक स्थिति कश्मीर से काफी मिलती-जुलती है. इसके अलावा वहां शूटिंग करना ज्यादा महंगा नहीं होता और आवागमन में आसानी रहती है."

'उरी' की शूटिंग महज 49 दिनों में हो गई थी. वह भी सिर्फ 25 करोड़ रुपये में और आदित्य को इस बात की खुशी है कि वह एम4 कारबाइन, एम16 और एके47 राइफल की प्रतिकृति को पर्दे पर दिखा पाए.

बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा छूने वाली फिल्म के निर्देशक ने कहा कि अगर उपकरणों की प्रतिकृति को भारत लाना आसान होता तो हमें इतने दिन शूटिंग के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और अपने देश में ही बिलकुल वैसी ही कृति को बनाया जा सकता है.

यह एक छोटा सा उदाहरण है कि कैसे हमारे निर्माता-निर्देशक बहुत ही कम बजट में अच्छी लोकेशन के साथ फिल्म बना सकते हैं और दर्शकों की तारीफ ले सकते हैं.

'अंधाधुंध' पुणे में शूट हुई और बेहद कामयाब रही. 100 करोड़ कमाने वाली फिल्म 'ी' मध्य प्रदेश में फिल्माई गई, इसने भी सौ करोड़ का कारोबार किया. स्कोटलैंड के दो कमरों में शूट हुई फिल्म 'बदला' ने लगभग 90 करोड़ रुपये कमाए.

कभी फिल्म में कुछ खास दृश्यों को फिल्माने की जरूरत होती है जिसकी वजह से विदेश जाना होता है. जैसे 'उरी' में फिल्म निर्मातोओं को विदेश जाना पड़ा, जैसा कि एक दूसरी फिल्म 'रेस-3' के साथ हुआ जब हॉलीवुड के स्टंट निर्देशक टॉम स्ट्रदर को यूएई की सेना से ब्लैक-हॉक हेलीकाप्टर, आर्मी ट्रक, एनआईएमआर वाहन का सहयोग कुछ एक्शन सीन के लिए मिला.

व्यापार विशलेषक कोमल नाहटा ने आईएएनएस से कहा, "चूंकि अभिनेता फिल्म के लिए बहुत ज्यादा रुपये लेते हैं, ऐसे में निर्माताओं को चाहिए कि वह बजट को ध्यान में रख कर सही लोकेशन के साथ एक अच्छी फिल्म बनाएं जो दर्शकों को भी पसंद आए. साथ ही दर्शक अब कंटेंट पर इतना ध्यान दे रहे हैं कि केवल लोकेशन से काम नहीं चलने वाला है."

एक और व्यापार विशलेषक आमोद मेहरा ने कहा कि जिस प्रकार से फिल्मों को ठीक बजट और समय के साथ बनाया जा रहा है, उससे पता चलता है कि कैसे इतने सालों में फिल्म उद्योग ने तरक्की की है और यह बेहद पेशेवर और अच्छे से संगठित हो चुका है.

Source : IANS

Yami Gautam Uri The Surgical Serbia Vicky Kaushal
Advertisment
Advertisment
Advertisment