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प्रियंका चोपड़ा (फोटो- Instagram)
भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) के खिलाफ पाकिस्तान की मुहिम औंधे मुंह गिर गई है. प्रियंका को संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत के पद से हटाने की मांग पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र ने करारा जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि ऐसा करना संभव नहीं है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने साफ कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत अपनी निजी हैसियत में कोई बयान दे सकते हैं. उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता.
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई को प्रियंका ने सोशल मीडिया पर सराहा था. पाकिस्तान ने इसे ही युद्ध के समर्थन के रूप में प्रचारित किया. पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी ने बीती 21 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र संस्था यूनिसेफ को पत्र लिखकर प्रियंका को यूनिसेफ सद्भावना दूत के पद से हटाने की औपचारिक रूप से मांग की थी.
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इस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा है कि सद्भावना दूत अपनी निजी हैसियत में हर उस बात पर अपनी निजी राय व्यक्त करने का अधिकार रखते हैं जिससे वे खुद को निजी तौर से जुड़ा पाते हैं.
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That Pakistani girl who jumped @priyankachopra was very disrespectful! #BeautyconLA smh i was supposed to be the next one to ask a question but she ruined it for all pic.twitter.com/KrLWsLEACa
— Kadi (@ItsnotKadi) August 10, 2019
दुजारिक ने गुरुवार को प्रेस बीफिंग के दौरान एक संवाददाता के सवाल के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा, "देखें, मैं आपसे कह सकता हूं कि वह चाहे मिस चोपड़ा हों या फिर कोई और सद्भावना दूत, अगर वे यूनिसेफ या (संयुक्त राष्ट्र की) किसी अन्य संस्था की तरफ से कोई बयान देते हैं तो हम उनसे मामले में निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं. लेकिन, अगर यह सद्भावना दूत अपनी निजी हैसियत में किसी विषय पर अपनी कोई निजी राय देते हैं तो ऐसा करने का उन्हें अधिकार है."
दुजारिक ने साफ कर दिया कि दूत द्वारा निजी हैसियत में दिए गए बयान का संयुक्त राष्ट्र के औपचारिक रुख से कोई लेना-देना नहीं होता.
Source : आईएएनएस