logo-image

'Padman' से प्रेरित होकर महिला ने शुरू किया ये बिजनेस, अब हो रही मोटी कमाई

राजस्थान के उदयपुर से 70 किलोमीटर दूर आदिवासी गांव में रहने वाली एक महिला ने अपने गांव में स्वरोजगार की ऐसी अलख जगाई जिसे देखकर हर कोई महिला की तारीफ कर रहा है

Updated on: 08 Mar 2022, 02:00 PM

उदयपुर:

कहते है कि अगर हौसलों में जान हो तो मंजिलें आसान हो जाती हैं और अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कामयाबी कदम चूमती है. ऐसे ही अपने पक्के हौंसलो की बदौलत एक छोटे से गांव में रहने वाली आदिवासी महिला खुद तो स्वावलंबी बनी साथ मे दूसरी महिलाओं को भी स्वावलंबी बना कर उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध करा दिए. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पर उदयपुर से हम आपके लिए लाए हैं ये खास रिपोर्ट.

राजस्थान के उदयपुर से 70 किलोमीटर दूर आदिवासी गांव में रहने वाली एक महिला ने अपने गांव में स्वरोजगार की ऐसी अलख जगाई जिसे देखकर हर कोई महिला की तारीफ कर रहा है, छोटे से गांव में  ओड़वास के मसारो की ओबरी में रहने वाली महिला लक्ष्मी देवी  ने स्वरोजगार के लिए अपने गांव में सेनेटरी यूनिट की ऐसी शुरुआत की, जिससे इस महिला के साथ साथ गांव की अन्य 15 से 20 महिलाएं भी स्वरोजगार से जुड़ गईं. अक्षय कुमार की फ़िल्म पेडमैन को दिखकर दिल मे कुछ करने का जज्बा लिए इस महिला ने गांव में सेनेटरी पेड़ यूनिट की शुरुआत की, और यही वजह है की आज गांव की महिलाओं को सेनेटरी पैड के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ता और गांव की महिलाएं व बालिकाएं यहीं से सेनेटरी पेड़ खरीदती हैं.

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड में महिलाएं कमाएंगी 2000 करोड़, रिलीज को तैयार हैं ये फिल्में

न्यूज़ नेशन से बातचीत करते हुए लक्ष्मी देवी ने बताया कि वह 2015 में स्वंय सहायता की सदस्य बनीं, फिर सीएसी प्रोजेक्ट से जुड़कर घर घर जाकर बैंकिग की सुविधाएं देती रहीं. लेकिन बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार की फ़िल्म पेडमेंन देखकर महिला को रोजगार देने का मन मे इरादा किया, जिस शुरुआत में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा. लेकिन अथक प्रयास के चलते वह आज घर पर कई महिलाओं को रोजगार दे रहीं हैं. इतना ही नहीं गांव में महिलाओं के मेडिकल की सुविधाएं नहीं होने पर ग्रामीण महिलाओं को भारी समस्या होती थीं लेकिन आज बेझिझक महिला इस काम आगे बढ़कर हाथ बटा रही हैं.

वहीं उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा की मदद भी पेडमेंन महिला के लिए काफ़ी कारगर साबित हुई औऱ अपना मुकाम बनायी हुई है. लक्ष्मी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी औऱ अक्षय कुमार से मिलने की इच्छा जाहिर की, ताकि उसका हौसला बरकरार बना रहे.

यह भी पढ़ें: 'The Kashmir Files' के निर्देशक का खुलासा, कपिल शर्मा ने प्रमोशन से किया इंकार

वहीं उदयपुर के सुदूर आदिवासी अंचल में रहने वाली लक्ष्मी देवी के हौसला अफजाई को देखकर गांव की अन्य महिलाओं ने भी उसके साथ जुड़कर रोजगार के प्रति स्वालम्बी बन गई. औऱ घर बैठे रोजगार पाकर काफ़ी ख़ुश होने लगी है. महिला कमला ने बताया कि उसे इस काम को करने से आर्थिक रूप से फायदा होने लगा है. घर मे सीनेटरी पेड का काम कर पहले की अपेक्षा आर्थिक रूप से सक्षम बनी है. लक्ष्मी के सहयोग से अपने परिवार का बेहतरीन ढंग से पालन पोषण कर रहीं हैं. आज लक्ष्मी के काम को हर जगह तारीफ मिल रही है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट महिलाओं के उत्थान में काफ़ी कारगर है.

बहराल उदयपुर के आदिवासी अंचल में रहने वाली लक्ष्मी अपने ही गांव के लोगों के लिये एक रोजगार देने पहली महिला है जिसे देख आसपास गांव के रहने वाली महिलाओं के लिये प्रेरणा बनी हुई हैं. ऐसे में महिला दिवस पर महिलाओं कोआगे बढ़ने की बड़ी सीख है.